भोपाल। कांग्रेस के एआईसीसी प्रतिनिधियों की लिस्ट जारी हो गई है। जिसमें मध्यप्रदेश के 111 नेताओं को शामिल किया गया है। इसमें से 61 इलेक्टेड हैं और बाकी कोआॅप्टेड हैं। काबिल-ए-गौर यह है कि इस लिस्ट में भाई भतीजावाद साफ नजर आया। दिग्गज नेताओं को तो जगह मिली ही, उनके साथ एक एक सीट उनके परिजनों को भी दी गई। विरोधियों को अवसर मिल गया है। सवाल फिर वही कि क्या कांग्रेस में योग्य नेताओं का टोटा पड़ गया है।
भाई भतीजियों को मिली जगह
इसमें पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को जगह दी गई है। वहीं पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल और उनके बेटे कमलेश्वर पटेल को भी प्रतिनिधि बनाया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के साथ उनके छोटे भाई सचिन यादव को भी बनाया गया है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के साथ इसमें उनकी भतीजी कलावती भूरिया को भी प्रतिनिधि बनाया गया है।
भाजपा नेता से लवमैरिज करने वाली हिमाद्री भी लिस्ट में
भाजपा के आदिवासी नेता नरेंद्र मरावी की पत्नी हिमाद्री सिंह को भी एआईसीसी प्रतिनिधि बनया गया है। हिमाद्री को पार्टी ने शहडोल लोकसभा से चुनाव लड़ाया था, लेकिन वे चुनाव हार गई थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा के आदिवासी नेता नरेंद्र मरावी से शादी कर ली थी। उनके पति अब भी भाजपा में हैं।
सिंधिया विरोधी भानु प्रताप को जगह मिली
विदिशा के एसएटीआई कॉलेज को लेकर सार्वजनिक रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाने वाले पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को भी एआईसीसी का प्रतिनिधि बनाया गया है।
22 विधायकों को भी बनाया डेलिगेट
एआईसीसी ने प्रदेश से 22 विधायकों को भी प्रतिनिधि बनाया है। इसमें नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के अलावा सीनियर एमएलए डॉ. गोविंद सिंह, मुकेश नायक, राजेंद्र कुमार सिंह, बाला बच्चन, रामनिवास रावत, आरिफ अकील, सुंदर लाल तिवारी, संजय उइके, उमंग सिंघार, जीतू पटवारी, सरस्वती सिंह, ओंकार सिंह मरकाम, झूमा सोलंकी, तरुण भनोत, सुरेंद्र सिंह बघेल, शकुंतला खटीक, हरदीप सिंह डंग, कमलेश्वर पटेल, हिना कांवरे, रामकिशोर दोगने और सचिव यादव को इसमें शामिल किया गया है।