PNB: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में फर्जीवाड़ा, CBI में FIR | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में करीब 11,500 करोड़ रुपये के महाघोटाले के सामने आने के बाद इस बैंक की बाड़मेर शाखा में एक और घोटाला सामने आया है. इस बार इस बैंक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में फर्जीवाड़े की बात सामने आई है. सीबीआई ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है. मुद्रा योजना पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका जिक्र वह अक्सर बेरोजगारी के सवाल पर करते हैं. इस योजना में कम ब्याज दरों पर लोन दिया जाता है और लोन देने के बाद इस राशि के जरिए आवेदक को कुछ संपत्ति अर्जित करनी होती है. इस शाखा से जारी किए गए मुद्रा लोन में ऐसा नहीं हुआ.

सीबीआई के मुताबिक राजस्थान में पीएनबी की बाड़मेर शाखा में एक सीनियर ब्रांच मैनेजर ने सितंबर 2016 और मार्च 2017 के बीच 'बेईमानी और धोखाधड़ी' से 26 मुद्रा लोन' बांटे. कहा गया है कि इसके कारण बैंक को करीब 62 लाख रुपये का नुकसान हुआ.

बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक सीबीआई का कहना है कि ताजा बैंकिंग घोटाले में पीएनबी ने व्यापार या आवास का सत्यापन किए बिना आवेदकों को मुद्रा लोन जारी कर दिए. इस योजना के माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) योजना के तहत फर्जी लोन जारी किए गए.

सीबीआई ने इस मामले में पीएनबी बाड़मेर शहर के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर इंदर चन्द्र चंदावत के खिलाफ केस दर्ज किया है. सीबीआई ने कहा है कि उन्होंने लोन जारी करने से पहले आवेदकों की जांच नहीं की, फिजिकल वेरीफिकेशन नहीं किया और लोन देने के बाद आवेदकों के संपत्ति अर्जित करने की भी जांच नहीं की.

सीबीआई ने बताया कि जारी करने से पहले 26 लोन में से केवल एक की जांच की गई. इसके अलावा, किसी भी बैंक शाखा को 25 किमी आसपास तक के इलाके में रहने वालों को लोन जारी करने की इजाजत होती है. लेकिन, पीएनबी के केस में 100 किमी दूर के इलाके में रहने वालों को भी लोन जारी किए गए.

अब इन 26 में से पांच लोन एनपीए हो गए हैं. बैंक अब 62 लाख रुपये वसूल भी नहीं सकता है, क्योंकि इन्होंने आवेदकों ने कोई संपत्ति भी अर्जित नहीं की. सीबीआई को पता चला कि इस मामले में जोधपुर में तैनात पीएनबी के डिप्टी जनरल मैनेजर ने जांच भी की थी और इस शाखा के मैनेजर को सस्पेंड भी किया गया था, लेकिन बाद में यह सस्पेंशन वापस ले लिया गया. अब घोटाले के आरोपी की राजस्थान की अबू रोड स्थित पीएनबी शाखा में नियुक्ति है.

बता दें कि इससे पहले, हीरा कारोबारियों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने पीएनबी के साथ हजारों करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी की थी. अब नए घोटाले में चंदावत पर आरोप हैं कि उन्होंने करीब दो करोड़ रुपये के मुद्रा लोन की राशि को प्राइवेट खातों में ट्रांसफर करा लिया.

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