सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों का नुक्सान, PF की ब्याज दरें घटा दीं गईं | EMPLOYEE NEWS

नई दिल्ली। महंगाई की मार के बीच नौकरीपेशा लोगों के लिए निराशा भरी खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नियोक्ता भविष्य निधि कार्यालय ने प्रॉविडेंट फंड ब्याज में 0.10 फीसदी की कटौती कर दी है। ईपीएफओ ने वर्ष 2017-18 के लिये 8.55 प्रतिशत की ब्याज दर घोषित की है। भविष्य निधि संगठन की यह दर 2016-17 के 8.65 प्रतिशत से 0.10 प्रतिशत कम है। लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि 8.55 प्रतिशत की दर से ईपीएफओ के पास 586 करोड़ का सरप्लस होगा। बुधवार को 220वीं बैठक के बाद गंगवार ने उम्मीद जताई कि वित्त मंत्रालय इसे अपनी सहमति प्रदान करेगा।

ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष में ब्याज दर 8.65 फीसद बनाए रखने के लिए अंतर को पूरा करने के लिए इस महीने की शुरुआत में 2,886 करोड़ रुपये के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) बेच चुका है। ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए 8.65 फीसद ब्याज दर की घोषणा की थी। यह 2015-16 में 8.8 फीसद थी। सूत्रों का कहना है कि ईपीएफओ ने 1,054 करोड़ रुपये पर 16 फीसद रिटर्न कमाया है। यह चालू वित्त वर्ष में अंशधारकों को 8.65 फीसद ब्याज देने के लिए पर्याप्त है। ईपीएफओ अगस्त, 2015 से ईटीएफ में निवेश कर रहा है।

ईपीएफओ अब तक ईटीएफ में 44,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है। अब तक संगठन ने इस निवेश से कोई लाभ नहीं निकाला है। चालू वित्त वर्ष के आय अनुमान के बाद ईटीएफ बेचने का फैसला किया गया। बैठक के एजेंडे में चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर निर्धारण का प्रस्ताव भी शामिल है। ईपीएफ पर ब्याज दरें पीएफ फंड के निवेश से मिलने वाले रिटर्न के आधार पर तय होती हैं। बीते कुछ वर्षों के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों पर रिटर्न लगातार घट रहा है। सरकार 2015 में खरीदे गए ईपीएफओ के कुछ शेयर्स को भी बेचने की योजना बना रही है ताकि ब्याज दर को 8.65 फीसद पर स्थिर रखा जा सके।

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