NIRAV MODI की BANK को धमकी: तुमने मेरा धंधा चौपट कर दिया, अब कुछ नहीं दूंगा

नई दिल्ली। भारतीय बैंक बाजार के सबसे बड़े घोटाले का आरोपी नीरव मोदी अभी भी गुर्रा रहा है। उसने PUNJAB NATIONAL BANK को एक खत लिखा है, जिसमें उसने लिखा है कि मामले को उजागर कर पीएनबी ने रिकवरी के सारे रास्ते बंद कर लिए। बैंक की जल्दबादी में मेरा BRAND और BUSINESS चौपट हो गया।  DIAMOND BUSINESSMAN मोदी ने इसके साथ स्पष्ट कर दिया कि वो बैंक का बकाया पैसा चुकाने वाला नहीं है। इतना ही नहीं उसने यह भी क्लीयर कर दिया कि अब वो अपने 2200 कर्मचारियों को वेतन भी नहीं देगा, जब तक कि उसके खातों को उपयोग करने की इजाजत नहीं मिल जाती। बता दें कि 11,356 करोड़ के इस बैंक फ्रॉड में नीरव समेत उनके रिश्तेदार और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी भी आरोपी हैं। इन लोगों पर पीएनबी के अफसरों से मिलिभगत कर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में कई हजार करोड़ की रकम ट्रांसफर करने का आरोप है।

1) गलत जानकारी देने से बिगड़ा मामला

 न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नीरव मोदी ने यह लेटर 15-16 फरवरी को लिखा था। जबकि पीएनबी ने 14 फरवरी को बैंक फ्रॉड पब्लिक किया था। इसमें नीरव ने लिखा, "हमारी देनदारी का गलत आंकड़ा बताने के चलते मीडिया की नजरें टिक गईं। इसके चलते तुरंत तलाशी और जब्ती होने लगी। इसका नतीजा ये निकला कि फायर स्टार इंटरनेशनल और फायर स्टार डायमंड इंटरनेशनल को कारोबार रोकना पड़ा। इससे ग्रुप की बैंक को देनदारी चुकानी की क्षमता खतरे में पड़ गई।

2) आपके कदमों से मेरा ब्रांड और बिजनेस तबाह हुए

13 फरवरी को मैंने पैसा लौटाने का ऑफर दिया था लेकिन, देनदारी वसूलने की जल्दबाजी में उठाए गए कदमों ने मेरे ब्रांड और बिजनेस को तबाह कर दिया। ऐसे में आपने खुद कर्ज वसूलने के अवसरों को सीमित कर लिया है।

3) शिकायत के बावजूद मैंने ऑफर दिया

नीरव ने देनदारी के पीएनबी द्वारा दिए आंकड़ों पर लिखा, "आप जानते हैं कि ये (11 हजार करोड़ से ज्यादा की देनदारी) पूरी तरह गलत है और नीरव मोदी ग्रुप की देनदारी इससे कहीं कम है। आपकी शिकायत फाइल होने के बाद भी भलमनसाहत के चलते मैंने आपको लिखा था कि कृपया मुझे फायर स्टार ग्रुप को बेचने या उसकी कीमती संपत्तियों को बेचने की इजाजत दें और अपनी देनदारी रिकवर करें। केवल फायर स्टार ग्रुप से ही नहीं, बल्कि बाकी तीन फर्म्स से भी।

4) देनदारी वसूलने का दौर गुजर गया

भारत में मेरे बिजनेस की वैल्यू करीब 6,500 करोड़ रुपए है और इससे बैंक का कुछ कर्ज लौटाया जा सकता था लेकिन, अब ये मुमकिन नहीं है, क्योंकि मेरे सारे अकाउंट्स फ्रीज हैं और संपत्तियां सील कर दी गई हैं। ईडी और सीबीआई ने जो कीमती सामान और संपत्तियां जब्त किया है, उनकी कीमत 5649 है, ये और दूसरी संपत्तियों से बैंक की सारी देनदारी चुकाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा लगता है कि ये दौर अब गुजर गया है।

5) मेरे भाई-पत्नी का नाम गलत जोड़ा गया

मेरे भाई का नाम गलत तरीके से जोड़ा गया है। मेरी तीन फर्म्स और दूसरे ऑपरेशंस से उसका कोई लेना-देना नहीं है। मेरी पत्नी भी मेरे किसी बिजनेस से नहीं जुड़ी है, उसका नाम भी गलत तरीके से जोड़ा गया है। मेरे अंकल का नाम भी गलत तरीके से जोड़ा गया है, क्योंकि उनका खुद का बिजनेस है और उन्हें आपके बैंक से मेरे लेन-देन के बारे में जानकारी नहीं है। मैंने जो भी किया है, उसके नतीजे का सामना मैं करूंगा।

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