मप्र मंत्रिमंडल का विस्तार: कौन आएगा, कौन जाएगा, किसके पर करते जाएंगे | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार का अंतिम मंत्रिमंडल विस्तार 3 फरवरी को संभावित है। 5 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। कैबिनेट विस्तार को लेकर जीएडी ने तैयारी शुरू कर दी है। गवर्नमेंट प्रेस में कार्ड छपने के लिए भेज दिए गए हैं। कैबिनेट विस्तार को लेकर आज सीएम ने संगठन महामंत्री सुहास भगत और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान से लंबी मंत्रणा की। सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे नंदकुमार सिंह और सुहास भगत सीएम हाउस पहुंचे। दोनों नेताओं के साथ सीएम ने लंबी मंत्रणा की। इस मंत्रणा में जिन विधायकों को मंत्री बनाया जाना है उन्हें लेकर बात की गई। इस विस्तार में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को लेकर भी सीएम और संगठन नेताओं में मंत्रणा हुई। इस विस्तार में मालवा को प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।

इन मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी: 
लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे राज्यमंत्री हर्ष सिंह की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है, इसके अलावा उम्र का हवाला देते हुए पीएचई मंत्री कुसुम सिंह मेहदेले को भी विश्राम दिया जा सकता है। इनकी जगह नए चेहरों को शामिल किया जाएगा।

ये बन सकते हैं मंत्री:
चुनाव के पहले होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों का ख्याल रखा जाएगा। इस लिहाज से अशोकनगर से विधायक गोपीलाल जाटव, मंदसौर जिले से जगदीश देवड़ा या यशपाल सिंह सिसौदिया में से किसी एक के मंत्री बनने की संभावना है। धार से रंजना बघेल और नीना वर्मा में से किसी एक को मौका मिल सकता है। वहीं विंध्य से केदारनाथ शुक्ला और शंकरलाल तिवारी में से किसी एक को मौका मिल सकता है। ग्वालियर-चंबल से जातिगत समीकरणों को साधने के लिए नारायण सिंह कुशवाह को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

इंदौर को प्रतिनिधित्व मिलना तय: 
मंत्रिमंडल विस्तार में प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर को प्रतिनिधित्व मिलना तय माना जा रहा है। इंदौर से जिन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है, उनमें रमेश मेंदोला, सुदर्शन गुप्ता और पूर्व मंत्री महेन्द्र हार्डिया शामिल हैं। इन तीनों में से किसी एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। यह पहली दफा है कि मंत्रिमंडल में इंदौर के किसी विधायक का प्रतिनिधित्व नहीं है।

विभागों में होगा बड़ा फेरबदल
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्रियों के विभागों में व्यापक फेरबदल होगा। इसमें पुअर परफॉर्मेन्स वाले कई मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे। सीएम लगातार मंत्रियों के काम की समीक्षा कर रहे हैं और संगठन ने भी मंत्रियों के कामकाज का सर्वे कराया था। कुछ मंत्रियों के पास एक से अधिक विभाग हैं उनका बोझ भी हल्का किया जाएगा।

पिछली बार हारे थे चुनाव से पहले मंत्री बने विधायक
2013 के विधानसभा चुनाव से एक साल पहले भी शिवराज ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए चार मंत्रियों को जगह दी थी पर इनमें से अधिकांश मंत्री चुनाव हार गए थे और एक मंत्री रामदयाल अहिरवार का पार्टी ने ही टिकट काट दिया था।

मंत्रियों का जातीय समीकरण
शिवराज मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के 7, अजा के 3, अजजा के 3, राजपूत 4, ब्राह्मण 6, जैन और बनिया पांच और कायस्थ वर्ग के एक मंत्री है। मंत्रिमंडल में फिलहाल सीएम सहित 20 कैबिनेट और 9 राज्यमंत्री हैं। 5 पद रिक्त हैं।

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