दिग्विजय सिंह खेमे से आई सिंधिया को सीएम कैंडिडेट बनाने की मांग | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया मप्र में बिना चेहरे के चुनाव लड़ने का संकल्प दोहरा रहे हैं। इस बीच दिग्विजय सिंह खेमे में कद्दावर विधायक केपी सिंह ने मांग की है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम कैंडिडेट घोषित किया जाए। इनके साथ वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी यही मांग दोहराई है। सत्यव्रत मुंगावली में थे जबकि केपी सिंह कोलारस में। इसके ठीक एक दिन पहले दीपक बावरिया ने ऐलान किया था कि कांग्रेस मप्र में बिना चेहरे के चुनाव लड़ेगी। 

सांसद चतुर्वेदी ने कहा कि पार्टी के पास सिंधिया प्रदेश में युवा चेहरा हैं, उनकी छवि बेदाग है। साथ ही युवाओं में भारी लोकप्रियता है। सिंधिया को पार्टी चेहरा घोषित करती है तो कांग्रेस की सत्ता वापसी तय है। चतुर्वेदी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया के विश्वस्त सहयोगी रहे हैं। वे पहले भी कई बार सार्वजनिक रूप से सिंधिया को मध्यप्रदेश की कमान दिए जाने की बात कर चुके हैं। चतुर्वेदी की गिनती सोनिया गांधी के नजदीकियों में होती है, इसी के चलते उन्हें पार्टी ने उत्तराखंड और फिर बाद में मध्यप्रदेश से राज्यसभा में भेजा गया है। 

वहीं केपी सिंह कांग्रेस पार्टी के पांचवीं बार के विधायक हैं और उनकी गिनती दिग्विजय सिंह के कट्टर समर्थकों में होती है, लेकिन केपी सिंह की विधानसभा सीट पिछोर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र शिवपुरी-गुना संसदीय क्षेत्र का भाग है। इसके चलते केपी सिंह की सिंधिया से भी घनिष्ठता है। वे जून 2017 में भोपाल में आयोजित किसान सत्याग्रह में भी सिंधिया को कांग्रेस की कमान देने की मांग खुले मंच से कर चुके हैं। सिंह ने यह भी कहा कि सिंधिया मध्यप्रदेश में सबसे युवा नेता हैं। उनके कार्य करने की शैली से सभी परिचित हैं और सब उन्हें पसंद करते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वैसे मुख्यमंत्री का चेहरा प्रस्तुत करना या नहीं करना, इसका फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ही करना है। 

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