अतिथि शिक्षकों की हड़ताल शुरू, कई स्कूलों में ताले | MP EMPLOYEE NEWS

सीधी। जिले के ATITHI SHIKSHAK के सामूहिक अवकाश मे चले जाने से स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। कई स्कूलों मे तो ताला बंदी की नौबत आ गई है। लंबे समय से लंबित अपनी विभिन्ना मांगों के निराकरण को लेकर अतिथि शिक्षक एक बार फिर से आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। जिले के अतिथि शिक्षक संघ के आह्वान पर क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में पदस्थ अतिथि शनिवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं। अतिथियों द्वारा हड़ताल पर जाने से कई स्कूलों में ताले डले रहे और इससे अधिकांश स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित रही है।

स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की आनलाइन भर्ती न करते हुए ऑफलाइन किए जाने, लंबे समय से सेवाएं दे रहे अतिथियों को नियमित करने और वेतन का भुगतान निश्चित समय पर करने सहित विभिन्ना मांगों के निराकरण को लेकर जिले के अतिथियों ने शनिवार को कई टीम गठित कर अतिथि शिक्षकों से स्कूलों का बहिष्कार करवाया। साथ ही शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। कुछ अतिथि शिक्षक स्कूलों मे पहुँचे लेकिन राज्य शिक्षा मंत्री के बयान के बाद काफी आक्रोशित हो गए और स्कूलों मे ताला बंद कर दिया।

क्षेत्र के अधिकांश सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था अतिथि शिक्षकों के भरोस है। ऐसे में इनके हड़ताल पर जाने से कई स्कूलों में ताले डले रहे। जबकि कई स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से चौपट रही। वहीं 1 फरवरी से जहां 11 वीं की परीक्षा प्रारंभ हो गई है वहीं  2 फरवरी से 9 वीं की परीक्षा प्रारंभ ही प्रारंभ  हो गई है। अतिथि शिक्षकों की हड़ताल का असर परीक्षा में पड़ सकता है।। जानकारी के अनुसार विशेष रूप से दूरदराज के कई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों पर ही पढ़ाई का पूरा भार है। ऐसे में उनके हड़ताल में चले जाने से परीक्षा के साथ पढ़ाई भी प्रभावित होगी। क्योंकि अगले माह से 10 एवं 12 वीं की परीक्षा प्रारंभ हो रही हैं। रिवीजन का समय चल रहा है। ऐसे में जहां अतिथि शिक्षकों द्वारा पढ़ाई की जा रही थी वहां बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों की तैयारी भी प्रभावित होना तय है।

अतिथि शिक्षक लंबे समय से अपनी मांगो को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं कई बार इन पर पुलिसिया लाठी बरसी जेल मे ठूस दिया गया सेवा से पृथक कर दिया गया लेकिन इनके जज्बे मे कोई कमी नहीं आई और अपनी मांगो को लेकर आज भी अपने स्वाभिमान पर अडिग है

कुसमी के कई स्कूलों के नही खुले ताले
अतिथि शिक्षकों के अवकाश का सबसे ज्यादा असर कुसमी ब्लाक मे देखने को मिला वहा के अतिथि शिक्षकों द्वारा पूर्णतः स्कूलों का बहिष्कार किया गया यहा तक की कुछ स्कूलों के नियमित शिक्षकों के अवकाश मे होने के कारण स्कूलों के ताले तक नही खुले  ताले तक नही खुले वही कुछ स्कूलों मे दोपहर तक ताले दिखाई दिया कुसमी ब्लॉक के के शासकीय माध्यमिक शाला बडवाही व शासकीय प्राथमिक शाला छलवारी मे दोपहर बाद ताला बंद हो गया। 

इनका कहना है 
अतिथि शिक्षक अपनी जायज मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर जब तक गूँगी बहरी सरकार हमारी मांगों को नही पूरा करेगी तब हमारी कलम बंद हड़ताल जारी रहेगी।और शिक्षा मंत्री के बयान की कड़ी  निदा करते है उन्हें अपने पद की गरिमा बनाये रखना चाहिये। 
रविकांत गुप्ता 
अध्यक्ष, अतिथि शिक्षक संघर्ष समिति 

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