भोपाल। प्रमोशन में आरक्षण मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार भले ही हाईकोर्ट में हार गई हो और सुप्रीम कोर्ट में भी उसके जीतने की संभावनाएं कम हों परंतु कोर्ट के बाहर वो केस जीतने की रणनीति पर काम कर रही है। प्रमोशन में आरक्षण के गठित हुआ सामान्य पिछड़ावर्ग कर्मचारी संगठन की धार अब कमजोर पड़ती जा रही है। इसी का फायदा उठाकर सरकार ने नए नियम बनाने की अपनी प्रक्रिया तेज कर दी है।
मंत्रालय सूत्रों के आधार पर मप्र के कई मीडिया संस्थान इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि सीएम शिवराज सिंह ने नौकरशाहों को निर्देशित किया है कि वो प्रमोशन में आरक्षण के लिए नए नियमों का मसौदा तैयार करें। कई बार इशारे किए गए हैं कि सारी प्रक्रिया पूरी करके रखें ताकि अवसर मिलते ही फटाफट नए नियम लागू किए जा सकें।
मप्र हाईकोर्ट में केस हारने के बाद सीएम शिवराज सिंह सरकार ने ऐलान करके सुप्रीम कोर्ट में अपील फाइल की थी। उसका सामना करने के लिए सपाक्स भी सुप्रीम कोर्ट में अपने महंगे वकीलों के साथ जा डटा था। वकीलों की फीस कम ना पड़े इसलिए पूरे प्रदेश के कर्मचारियों से चंदा लिया गया। कुछ दिनों तक तो सबकुछ उम्मीद के अनुसार चलता रहा लेकिन पिछले कुछ समय से सपाक्स के भाग्य विधाता सुप्रीम कोर्ट वाले केस का जिक्र ही नहीं कर रहे हैं। सपाक्स अब छात्र संगठन हो गया है, सपाक्स अब युवा संगठन हो गया है। सपाक्स अब राजनैतिक संगठन होने जा रहा है। सपाक्स के कुछ लोग चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। कुछ नहीं हो रहा तो बस वो जिसके लिए सपाक्स का गठन हुआ था।