अब मप्र के स्टेनोग्राफर भी बनाएंगे अपना अलग कर्मचारी संघ | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। सचिवालयेत्तर स्टेनोग्राफर्स 1986 से आज तक सरकारों और कर्मचारी संघों की छलनाओं का शिकार होते रहे हैं । लगभग 20 अधिकारी/कर्मचारी के पंजीकृत संघों की भीड़ में इस अनुशासित संवर्ग का अपना स्वतंत्र संघ तक नहीं है, जिसके अभाव में अब तक यह संवर्ग तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ से सम्बद्ध रहकर, उनके माध्यम से अपनी समस्यायें, मांगें शासन के सामने रखने की कोशिश करता रहा है। किन्तु तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने इस संवर्ग के मुद्दों कोे शासन के समक्ष रखने में कोई गम्भीर दिलचस्पी नहीं दिखाई। 

वर्षों की उपेक्षा, वेतनमान और पदोन्नति विसंगतियों के अलावा शासन तथा अन्य कर्मचारी संघों की छलना से आहत सचिवालयेत्तर स्टेनोग्राफर्स ने अब अपने स्वतंत्र संघ के गठन का मन बना लिया है। बता दें कि, 1986 में लगभग 15 समान वेतन संवर्गों में एक रहा यह संवर्ग आज वेतनमान और पदोन्नति अवसरों में सबसे निचले स्तर पर है। यहॉं तक कि सहायक ग्रेड-3 पर सीधी भर्ती पाने वाला लिपिक भी इस संवर्ग के स्टेनोग्राफर से उच्च वेतनमान और पद पाकर सेवानिवृत्ति पाता है। ऐसा भी नहीं कि, इस संवर्ग ने अन्याय और असंगतियों की ओर शासन का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास न किया हो, मगर नतीजा अपेक्षित नहीं रहा। 

चुनावी वर्ष में सरकार कर्मचारियों को साधने में कसर नहीं छोड़ रही, यह विभिन्न संवर्गों के अधिकारी/कर्मचारी संघों की मॉंगों, समस्याओं के निराकरण के लिए की जा रही बैठकों और चर्चाओं के दौर से साफ है। मगर जैसा होता आया है, वोटों की राजनीति के गुणा-भाग में एक बार फिर सचिवालयेत्तर स्टेनोग्राफर्स उपेक्षित किये जा रहे हैं। पिछले दिनों मंत्रालय में कर्मचारी संघों की मॉंगों को लेकर हुई बैठक में सचिवालयेत्तर स्टेनोग्राफर्स का मुद्दा शामिल न किये जाने से यह स्पष्ट है। 

उपेक्षा और अपमान से आक्रोशित सचिवालयेत्तर स्टेनोग्राफर्स और स्टेनोटाइपिस्ट अब वाट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से बड़ी संख्या में जुड़कर, एक होकर अपने विचार, सुझाव और आक्रोश को साझा कर रहे हैं । विगत् 10 और 18 फरवरी को भोपाल के चिनार पार्क में प्रदेश के सभी संभाग और जिलों के स्टेनोग्राफर्स बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए, मांगों और समस्याओं पर विचार के अलावा इस बात पर सहमत हुए कि सचिवालयेत्तर स्टेनोग्राफर्स का पृथक् और स्वतंत्र संघ मध्यप्रदेश स्टेनोग्राफर्स संघ के नाम से बनाया जावे और अपनी मॉंगों ओर समस्याओं के निराकरण के लिए पहले शासन के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया जावे। 

बैठक में स्टेनोग्राफर के एकल संवर्ग के अन्यायपूर्ण विभाजन, वेतनमान और पदोन्नति विसंगतियों, संवर्गीय साथियों की विभागीय समस्याओं और उनके समाधान, शासन के समक्ष पक्ष प्रस्तुति, संघ के पंजीयन, सदस्यता राशि निर्धारण, सहयोग निधि पर चर्चा के अलावा संघ की प्रस्तावित कार्यकारिणी पर भी चर्चा की जाकर निर्णय लिये गये । सभी एकमत थे कि, प्रदेश के कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव को भी संघ के पदाधिकारीगण ज्ञापन के माध्यम से इस संवर्ग के साथ हुए अन्याय और विसंगतियों से अवगत् कराकर समाधान कराये जाने का अनुरोध करेंगे। 

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