लखनऊ। कासगंज में गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा में फैली हिंसा और उसमें युवक चंदन की मौत के बाद शहर में तनाव को नियंत्रण में आ गया है परंतु सोशल मीडिया पर तनाव बढ़ता जा रहा है। नौकरशाही ने इस मामले में भगवा बिग्रेड को निशाने पर लिया है। बरेली के डीएम आर विक्रम सिंह की पोस्ट के बाद अब सहारनपुर में डिप्टी डायरेक्टर सांख्यिकी रश्मि वरुण ने भी इस हिंसा के लिए भगवा बिग्रेड का जिम्मेदार बताया है।
पढ़िए क्या लिखा है डिप्टी डायरेक्टर रश्मि वरुण ने अपनी फेसबुक पोस्ट में:
यह थी कासगंज की तिरंगा रैली। यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी डॉ. अम्बेडकर जयंती पर सहारनपुर के सड़क दूधली में भी ऐसी ही रैली निकाली गई थी। उसमें से अम्बेडकर गायब थे या कहिए कि भगवा रंग में विलीन हो गये थे। कासगंज में भी यह ही हुआ। तिरंगा गायब और भगवा शीर्ष पर। जो लड़का मारा गया, उसे किसी दूसरे तीसरे समुदाय ने नहीं मारा। उसे केसरी, सफेद और हरे रंग की आड़ लेकर भगवा ने खुद मारा। अब्दुल हमीद की मूर्ति पर तिरंगा फहराने की बजाये रैली में चलने की जबरदस्ती की गई। केसरिया, सफेद, हरे और भगवा रंग पे लाल रंग भारी पड़ गया।
सही इंसान को मांगनी पड़ती है माफी
फेसबुक पोस्ट पर डिप्टी डायरेक्टर ने बरेली डीएम आर विक्रम सिंह का समर्थन किया है। इमोजी के साथ डिप्टी डायरेक्टर ने लिखा है कि पाकिस्तान में जाकर नारे लगाकर मरना है क्या इन्हें। बरेली डीएम आर.विक्रम सिंह के अपना स्पष्टीकरण देते हुए फेसबुक पर की गई टिप्पणी को शेयर करते हुए भी रश्मि ने लिखा है कि देखिये सही बात का किस तरह अपना स्पष्टीकरण देना पड़ता है...सही इंसान को भी माफी मांगनी पड़ती है।
इसके पीछे व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी का खेल
कासगंज दंगे को लेकर ही डिप्टी डायरेक्टर ने अनेक पोस्ट डाली हैं, उसी में से एक पोस्ट में उन्होंने कुछ कमेंटों का फोटो डाल रखा है, जिसमें मौके पर मौजूद होने का दावा कर रहे एक युवक जसवंत ने हिन्दू संगठनों पर ही आरोप लगाये गये हैं। इसी को लेकर डिप्टी डायरेक्टर ने लिखा है कि यही सच है, न पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे, न तथाकथित तिरंगा यात्रा रोकी गई। ये सब व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी का खेल था।
अफसरों का रुख सरकार की चुनौती
कुछ अफसरों का रुख प्रदेश की भाजपा सरकार के लिए चुनौती बन रहा है। अभी डीएम बरेली का मामला निपटा नहीं है कि सहारनपुर की डिप्टी डायरेक्टर की पोस्ट चर्चा का विषय बन गई है। विपक्ष पहले ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खेाले है।
पोस्ट में कुछ भी गलत नहीं लिखा : डिप्टी डायरेक्टर
फेसबुक पोस्ट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी गई है जो किसी के खिलाफ हो। हमारे कहने का सिर्फ इतना आशय है कि गणतंत्र दिवस मनाने का सभी को अधिकार है। इसमें पहले या बाद में मनाने का कोई मतलब नहीं होना चाहिए।
जैसा कि मुझे पता लगा है कि कासगंज में दोनों पक्षों के बीच 26 जनवरी मनाने को लेकर विवाद शुरू हुआ। व्हाट्सएप पर कोई गलत मैसेज चलता है तो उसे रोकने की पहल नहीं होती, बल्कि वायरल होता चला जाता है। इससे माहौल बिगडने के हालात पैदा होते हैं। रही बात डीएम बरेली आर विक्रम सिंह की तो मेरा मानना है कि उन्होंने अपनी पोस्ट में ऐसा कुछ नहीं लिखा था, जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचे।