राजमाता विजयाराजे के खिलाफ सफाईकर्मी महिला की चुनावी कहानी: राष्ट्रपति कोविंद ने सुनाई

भोपाल। मध्यप्रदेश की 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव चल रहे हैं। इनमें से एक कोलारस सीट को यशोधरा राजे सिंधिया के जिम्मे सौंप दिया गया है। इधर ग्वालियर में आयोजित एक कार्यक्रम में वो किस्सा सार्वजनिक हो गया जो यशोधरा राजे को फिर से नाराज कर सकता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजमाता विजयाराजे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरी सफाईकमी महिला प्रत्याशी की पूरी कहानी सुना दी। उन्होंने यह भी बताया कि लोहिया की इसके पीछे क्या विचार थे और उन्होंने इस चुनाव को कितना महत्व दिया। बता दें कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया भाजपा की संस्थापक सदस्य हैं एवं पार्टी उन्हे माता का सम्मान देती है। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने समाजवादी चिंतक डॉक्टर राम मनोहर लोहिया को सच्चा समाज सुधारक बताते हुए कहा कि वह देश की पीड़ित और शोषित जनता के लिए सदैव संघर्ष करते रहे, यही कारण था कि उन्होंने आम चुनाव में तत्कालीन महारानी (विजयाराजे सिंधिया) के खिलाफ सफाईकर्मी सुखो रानी को चुनाव लड़ाया था। वर्ष 1962 के चुनाव में उन्होंने तत्कालीन महारानी के खिलाफ महिला सफाईकर्मी सुखो रानी को उम्मीदवार बनाया था। तब लोहिया ने कहा था कि इस चुनाव में अगर सुखो रानी को यहां की जनता जिताती है, तो यह आर्थिक और सामाजिक क्रांति का श्रीगणेश होगा।

राष्ट्रपति ने बताया कि लोहिया ने फूलपुर से प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उन्होंने ग्वालियर के चुनाव को फूलपुर के चुनाव से अहम बताया था। उनका मानना था कि यह चुनाव देश को एक नया संकेत देने वाला होगा।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ग्वालियर के आईटीएम विश्वविद्यालय में रविवार को आयोजित राममनोहर लोहिया व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी, केंद्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह और उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री जयभान सिंह पवैया मौजूद रहे।

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