BJP ने अतिथि शिक्षकों को माना सरकारी कर्मचारी, चुनाव आयोग में शिकायत | ATITHI SHIKSHAK NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में बेहद कम मानदेय पर बच्चों को पढ़ा रहे ​अतिथि शिक्षक लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं कि उन्हे मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी का दर्जा और समान वेतन दिया जाए। शिक्षा मंत्री कई बार उन्हे सरकार का सहयोगी अंग मानने से भी इंकार कर चुके हैं परंतु आज भारतीय जनता पार्टी आधिकारिक तौर पर अतिथि शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी माना और उनकी चुनाव आयोग में शिकायत की। 

भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा है कि कांग्रेस ने मुंगावली क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी बृजेन्द्र सिंह यादव की ओर से दिनेश कुमार और सुनील प्रजापति को पोलिंग ऐजेंट नियुक्त किया है जबकि ये दोनों ही अतिथि शिक्षक है सरकार के वेतन भोगी है। इस संबंध में अशोक नगर के भाजपा जिला अध्यक्ष श्री जयकुमार सिंघई ने वीडियो की सीडी भी अवलोकनार्थ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंप दी है।

श्री जयकुमार सिंघई ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से अपने शिकायती ज्ञापन में सरकारी कर्मियों द्वारा कांग्रेस के प्रचार कार्य में खुले आम जुटे रहने का आरोप लगाया है और उनके विरूद्ध अनुशासन की कार्यवाही किए जाने की मांग की है। अपने पत्र में श्री जयकुमार सिंघई ने अतिथि शिक्षकों क्रमशः दिनेश कुमार और सुनील प्रजापति को मतदान केन्द्र 52 मुंगावली के देरासा में नियुक्त होना बताया है। यह शासकीय सेवा आचार संहिता का घोर उल्लंघन और दंडनीय अपराध है।

सरकार कर्मचारी ही नहीं मानती
इस मामले में शिकायत करके भाजपा फंस गई है। वो अतिथि शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी बता रही है और शासकीय सेवा आचार संहिता के तहत कार्रवाई की मांग कर रही है, जबकि सरकार अतिथि शिक्षकों को कभी अपना कर्मचारी ही नहीं मानती। सरकार का कहना है कि अतिथि शिक्षकों को नियमित कर्मचारी बनने के लिए मप्र संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करनी होगी। इससे पहले उन्हे कर्मचारी का दर्जा और वेतन नहीं दिया जा सकता। 

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