संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर विपक्षियों ने उन्हे घेर लिया है। भागवत ने आरएसएस के अनुशासन को भारतीय सेना से श्रेष्ठ बताया था। इसी बात को लेकर उन पर आपत्ति उठाई जा रही है। विरोधियों ने भागवत के बयान को भारतीय सेना का अपमान बताया है। अपने अनुशासन की तारीफ करते हुए भागवत ने कहा था कि 'यदि देश को जरूरत पड़ी तो सेना को तैयार होने में 6-7 महीने लगेंगे, लेकिन हम दो से तीन दिन में तैयार हो जाएंगे, ऐसा हमारा डिसिप्लिन हैं।'
संघ प्रमुख ने स्वयं सेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि हम मिलिट्री नहीं हैं लेकिन हमारा अनुशासन मिलिट्री जैसा ही है। उन्होंने ये भी कहा कि देश को अगर हमारी जरूरत पड़े और हमारा संविधान और कानून कहे तो सेना को तैयार होने में 6-7 महीने लगेंगे, लेकिन हम दो से तीन दिन में तैयार हो जाएंगे, ऐसा हमारा डिसिप्लिन हैं।
कई केंद्रीय मंत्री भी थे मौजूद
मुजफ्फरपुर के बाद भागवत का पटना के राजेंद्र नगर में भी कार्यक्रम का आयोजन था। कार्यक्रम में भागवत ने आरएसएस का झंडोत्तोलन किया। फिर लोगों को संबोधित किया। भागवत को सुनने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, राम कृपाल यादव, बिहार सरकार में मंत्री नंद किशोर यादव समेत कई नेता शामिल हुए। भागवत बिहार में दस दिनों की यात्रा पर हैं।