नई दिल्ली। घटना उत्तरप्रदेश के श्रावस्ती स्थित इलाहाबाद बैंक की है। कोई बैंक अपने खाताधारक के प्रति कितना निर्दयी और असंवेदनशील हो सकता है, यह घटना इसका प्रमाण है। उस व्यक्ति का 2 साल का मासूम बेटा बहुत बीमार था। वो अपने खाते से 5 हजार रुपए निकालने आया था। साथ में पत्नी और बीमार बेटा भी था। उसने पत्नी को लाइन में लगाया और अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाता रहा। बताता रहा कि उसका बेटा बहुत बीमार है, पैसे की सख्त जरूरत है परंतु किसी ने नहीं सुनी। बैंक की लाइन में 2 साल के मासूम ने बिना इलाज तड़पते हुए दम तोड़ दिया।
गिलौला थाना क्षेत्र के मुख्य बाजार में स्थित इलाहाबाद बैंक में अयोध्या प्रसाद अपनी पत्नी के साथ दो साल के बीमार बेटे को लेकर पांच हजार रुपये निकालने गए थे। रुपए के लिए घंटों लाइन में लगे रहे लेकिन बैंक कर्मियों ने उन्हें रुपए नहीं दिए। दंपति अपने बीमार बेटे की दुहाई देता रहा लेकिन बैंककर्मी का दिल नहीं पसीजा। आखिर मासूम ने बैंक में ही दम तोड़ दिया।
बेटे की मौत पर बेसुध मां उसे सीने से लगाए बिलखती रही लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी। अब उत्तरप्रदेश पुलिस की न्यायप्रियता और संवेदनशीलता देखिए। बैंक प्रबंधन के बुलाने पर पुलिस आई, उसने पीड़िता और जमा हो गई भीड़ को भगा दिया। स्थानीय पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्हे भी आंख दिखा दी। मौके पर पहुंची पुलिस भी मामले की लीपापोती में ही लगी रही। जब मीडियाकर्मियों ने मौके पर पहुंचे डीएसपी श्रीयस त्रिपाठी से कार्रवाई को लेकर सवाल किया तो वह भड़क गए। गुस्साए डीएसपी ने मीडियाकर्मियों से कह दिया कि बहुत हो गया, अब यहां से चले जाओ।