भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान की ओर से घोषित अध्यापकों का संविलियन अब खटाई में जाता दिख रहा है। पूरा एक माह गुजर गया, सरकार एक सूत भी आगे नहीं बढ़ी। अब अध्यापक संघर्ष समिति भिंड और छिंदवाड़ा में धन्यवाद सम्मेलन का आयोजन कर रही है। जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ का धन्यवाद अदा किया जाएगा कि उन्होंने अध्यापकों के आंदोलन में साथ दिया और उसी के परिणाम स्वरूप सीएम शिवराज सिंह को संविलियन की घोषणा करनी पड़ी।
संचालक अध्यापक संघर्ष समिति एचएन नरवरिया की ओर से दी गई सूचना के अनुसार 11 फरवरी को भोपाल के श्रीराम मंदिर में संपन्न हुई अध्यापक संघर्ष समिति की बैठक ने मुख्यमंत्री की शिक्षा विभाग में संविलियन की घोषणा और उसके बाद सरकार की खामोशी पर चिंता जताते हुए कहा कि एक महीना पूरा होने को है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से संविलियन की योजना सार्वजनिक नहीं की गई। समिति ने संविलियन की योजना बताए जाने से पहले ही कुछ नेताओं की ओर से किए जा रहे स्वागत सत्कार को आत्मघाती कदम बताते हुए संगठनों के नेताओं से आग्रह किया कि इस तरह के स्वागत सत्कारों को यहीं रोक दें, इनसे अध्यापकों को फायदा होने की बजाय नुकसान ही होगा। स्वागत सत्कार से बनाए जा रहे आत्मसंतुष्टि के माहौल से सरकार के ऊपर आंदोलनों के जरिए बना दबाव कम होगा और सरकार पूर्व की तरह मनमानी करने लगेगी।
संघर्ष समिति का स्पष्ट मानना है कि सीएम ने संविलियन की घोषणा आंदोलनों के दबाव में की है न कि किसी अध्यापक नेता के कहने पर। सीएम को अध्यापक नेताओं के कहने पर ही संविलियन की घोषणा करनी होती, तब वे 15 अक्टूबर को भेल के दशहरा मैदान में पहुंचकर भी कर सकते थे, जिस दिन वहां दसियों हजार अध्यापक मौजूद था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे स्पष्ट है कि सीएम ने संविलियन की घोषणा सिर्फ आंदोलन की आग को ठंडा करने और अपने समर्थक संगठनों एवं उनके नेताओं को अध्यापकों में स्थापित करने के लिए की मंशा से की है, यदि सीएम ने संविलियन की घोषणा अध्यापकों के हित के लिए की होती, तब वे अब तक संविलियन की पूरी प्लानिंग पौने तीन लाख अध्यापकों को बता चुके होते और इससे पहले #सितंबर 2013 से छठवां, #जनवरी 2016 से सातवां एरियर सहित देने के आदेश करा चुके होते, लेकिन सीएम ने ऐसा कुछ नहीं किया, इससे ही स्पष्ट है कि सरकार एक बार फिर अध्यापकों के साथ धोखा करने वाली है, इसीलिए यह समय स्वागत सत्कार का नहीं बल्कि चौकन्ना रहकर सरकार पर नजर रखने का है। इसी कड़ी में 22 फरवरी को जगह जगह ज्ञापन प्रेषित ध्यान आकृष्ट किया जाएगा
संघर्ष समिति की बैठक में सर्वसम्मत से सरकार पर दबाव बनाए रखने के लिए छिंदवाड़ा एवं भिण्ड में धन्यवाद सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया है, जिन सम्मेलनों में कांग्रेस नेता कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया को आमंत्रित किया जाएगा, जिन्होंने अध्यापकों के आंदोलन में शामिल होकर सरकार को संविलियन की घोषणा करने के लिए मजबूर किया, इसीलिए संघर्ष समिति ने कांग्रेस के इन दोनों नेताओं को धन्यवाद देने का फैसला किया। सांसद कमलनाथ एवं सिंधिया लगातार अध्यापकों की मांगों को मंचों से उठा रहे हैं और उन्होंने अध्यापकों से कहा है कि उनकी सरकार बनने पर प्रथम नियुक्ति दिनांक से शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाएगा, फिर चाहे भले ही अध्यापकों को लाखों का एरियर ही क्यों न देना पड़े।
बैठक में सर्वसम्मति से संघर्ष समिति का सांगठनिक ढांचा तैयार करने का निर्णय हुआ, जिसकी शुरूआत वरिष्ठ पत्रकार वासुदेव शर्मा को समिति का प्रदेश संरक्षक बनाए जाने के साथ हुई। जल्दी ही संभागीय संयोजक, उपसंयोजक बनाए जाएंगे, इसके बाद जिला एवं ब्लाक संयोजक एवं उपसंयोजकों का चयन होगा। संघर्ष समिति ने 1मई को भोपाल के गांधी भवन में शिक्षा का कारोबारीकरण और उसका समाज पर प्रभाव विषय पर व्याख्यान माला आयोजित करने का निर्णय भी लिया, इसी दिन संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक एवं उपसंयोजक का चयन भी किया जाएगा।