फिर कमलनाथ की शरण में जाएंगे मप्र के अध्यापक | ADHYAPAK SAMACHAR

भोपाल। भोपाल में अध्यापक संघर्ष समिति ने श्री राम मंदिर में संचालन समिति की महत्वपूर्ण बेठक हुई जिसमें निम्न निर्णय लिए गए। 22 फरवरी को अपनी मांगों को आकृष्ट कर जिले में ज्ञापन दिया जाएगा। 25 फरवरी को छिंदवाड़ा में कमलनाथ के मुख्यातिथ्य में कार्यक्रम होगा। 1 मई को मजदूर दिवस पर भोपाल में बड़ा कार्यक्रम किया जाकर सरकार के समक्ष ध्यान आकृष्ट किया जाएगा। कुल मिलाकर अध्यापकों को समझ आ गया है कि चुनाव से पहले संविलियन मुश्किल है अत: उन्होंने सरकार पर दवाब बनाने के लिए फिर से मैदान में उतरने का फैसला किया है। 22 फरवरी को जिलों में ज्ञापन दिए जाएंगे एवं 25 फरवरी को कमलनाथ के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 

अध्यापक संघर्ष समिति ने मांग की है कि वरिष्ठ अध्यापक को व्याख्याता अध्यापक को उच्च श्रेणी शिक्षक, एवं सहायक अध्यापक को सहायक शिक्षक के पदनाम का उल्लेख शाला अभिलेख में इसी माह से करने हेतु निर्देश जारी करने की कृपा करें। जिससे मुख्यमंत्री जी द्वारा 21 जनवरी को की गई घोषणा *"आज से सब शिक्षक कहलायेंगे"* का पालन सुनिश्चित होकर सभी 3 लाख अध्यापन संवर्ग के कर्मचारी शिक्षा विभाग की 1994 की सेवा शर्तों का लाभ प्राप्त कर सकें।

समान कार्य का समान वेतनमान की मंशा के परिपालन मे जारी आदेश दिनांक 04 सितम्बर 2013 अपर सचिव, मध्यप्रदेश शासन ,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं अवर सचिव, मध्यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अनुसार छटवे वेतनमान का निर्धारण 2013 से कर एरियर सहित भुगतान किया जाए।

3-24 दिसंबर 2015 को मुम्बई में  लीलाबती अस्पताल से  की गई घोषणानुसार अध्यापक संवर्ग को *सांतवे वेतनमान का लाभ नियमित कर्मचारियों की भांति दिनांक 01.01.2016 से बजट सत्र में* प्रदान करने की कृपा करें।

अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से( नियुक्ति दिनांक के भूतलक्षी प्रभाव से) शासकीय शिक्षक का दर्जा प्रदान कर 1 अप्रेल 2018 की स्थिति में व्याख्याता ,उच्च श्रेणी शिक्षक एवं सहायक शिक्षक की वरिष्ठता सूची में सम्मिलित कर आगामी पदोन्नतियो हेतु मार्ग प्रशस्त किया जाएं।

1 अप्रेल 2018 से अल्प बचत सह बीमा योजना का लाभ दिया जाए।
1 अप्रेल 2011 से लागू अंशदायी पेंशन योजना(CPF) की राशि को समर्पित कर की सामान्य भविष्य निधि कटौती (GPF) योजना लागू की जाए।जिससे ग्रेच्युटी पेँशन एवं परिवार पेंशनकी सुविधा का लाभ प्राप्त हो सके।
शिक्षा विभाग की स्थानान्तर नीति अनुसार स्वेच्छिक़,पारस्परिक, एवं पति पत्नी समायोजन के आधार पर स्थानान्तर किये जाएं।

अध्यापक संवर्ग के लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को नियम शिथिल कर आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए। अनुकम्पा नियुक्ति के बदले 1लाख रुपये देकर प्रकरण समाप्त करने एक तरफा निर्णय लेने सम्बंधी आदेश को निरस्त किया जाए। 2013 से लम्बित अनुकम्पा प्रकरणों में पात्रता अनुसार भूतलक्षी प्रभाव से अनुकम्पा नियुक्तियां प्रदान की जाये।इस हेतु अनुकंपा नियुक्ति के पदों का विस्तार किया जाए

-अध्यापक संवर्ग को शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के समान नियमित वेतन देयक से भुगतान, मकान भाड़ा भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति भत्ता,यात्रा भत्ता,का लाभ दिया जाना चाहिए।
-अध्यापक संवर्ग के पूर्व के जारी विभिन्न आदेशों में की गई विसंगतियों की पुनरावृत्ति शिक्षा विभाग में संविलियन के आदेश में न हो इसका विशेष ध्यान दिया जाए। 

अध्यापक संवर्ग को शिक्षा विभाग में संविलियन की पूर्ण प्रक्रिया पर माननीय न्यायालय में केवियेट दायर की जाए।जिससे न्यायालीन बाधाओं से प्रक्रिया प्रभावित न हो सके। पूर्व में युक्तियुक्तिकर्ण की सम्पूर्ण प्रक्रिया को शासन द्वारा कैविएट से सुरक्षित किया गया था जिसके फलस्वरूप उक्त प्रक्रिया आज भी निर्बाध रूप से चल रही है।
12- 2015 मे आन्दोलन मे शामिल अध्यापको को उनको उपलब्ध अवकाश मे स्वीकृति देकर *आन्दोलन अवधि का वेतन स्वीकृत कर भुगतान किया जाए।*

शिक्षा विभाग में संविलियन कर शासकीय शिक्षक का दर्जा प्राप्त के आदेश पर अध्यापक सहित समाज के प्रत्येक वर्ग की पैनी नजर है। माननीय मुख्यमंत्री जी के ऐतिहासिक निर्णय कार्यरूप में परिणित करने हेतु प्रक्रियाधीन नियमो, आदि पर चर्चा हेतु अध्यापक महासंघ के प्रतिनिधियों से चर्चा/विमर्श किया जाये ताकि माननीय की विशाल अनुकम्पा का लाभ अध्यापको को यथोचित रूप से मिल सके। 

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