भोपाल। कोलारस विधानसभा चुनाव में जीत के लिए जमीन तैयार करने के काम में सीएम शिवराज सिंह ने ना केवल अपनी सरकार को लगा दिया था बल्कि अपने परिवार को भी झोंक दिया था। भोपाल में फूल की दुकान और दूध के कारोबार से उठाकर कार्तिकेय सिंह चौहान को कोलारस भेजा गया था। टारगेट था अपने धाकड़ समाज को एकजुट करें और भाजपा के पक्ष में वचनबद्ध कर दें लेकिन शिवराज के युवराज कोलारस टेस्ट में फेल हो गए। आज 2 धाकड़ नेताओं ने धूमधाम के साथ बतौर निर्दलीय प्रत्याशी पर्चा दाखिल कर दिया।
ग्राम जरिया निवासी महेन्द्र धाकड़ एवं शिवराज सिंह धाकड़ गाजे बाजे के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंचे और नामांकन दाखिल किया। उनके साथ करीब 500 लोग थे। पर्चा दाखिल करने के बाद उन्होंने कोलारस शहर के मानीपुरा क्षेत्र में जनसंपर्क भी किया। इसी के साथ जता दिया कि वो डमी केंडिडेट नहीं हैं। इन दोनों नेताओं के साथ इनका अपना समाज आता है या नहीं और ये पूरी विधानसभा में कुल कितने वोट प्रभावित कर पाएंगे यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा परंतु फिलहाल पर्चा दाखिल कर यह तो साबित कर ही दिया कि पूरा धाकड़ समाज सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ नहीं है।
बता दें कि 7 जनवरी 2017 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ने कोलारस में धाकड़ समाज की एक बड़ी रैली को संबोधित किया था। आचार संहिता लागू होने से पहले हुई इस रैली का आकर्षण ही कार्तिकेय थे। उन्होंने पहली ही रैली में सीधे ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोल दिया था। इसके बाद उनके सामने कई नेताओं ने आपत्तिजनक बयान भी दिए। तत्समय दावा किया गया था कि कार्तिकेय सिंह ने अपने समाज पर जादू कर दिया है। सारा समाज भाजपा के साथ है।