पटवारी की तरह पुलिस भर्ती में भी राहत दें: 2 साल में दौड़ लगाकर दिखाओ | KHULA KHAT @ CM SHIVRAJ SINGH

महोदय जी, अभी हाल ही में कुछ माह पहले व्यापम द्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा 2017 हो चुकी है जिसमें कि स्नातक एवं सीपीसीटी मांगी गई थी। लेकिन राहत की गई थी कि सीपीसीटी हो तो ठीक, नहीं है तो 2 साल में करके दे दो। संयुक्त भर्ती परीक्षा ग्रुप 4 सहायक ग्रेड 3 की होने वाली है। इस परीक्षा के लिए भी कहीं सीपीसीटी या 2 साल में करके दे दों। यही नियम रहेगा क्या। अगर ऐसा है तो पटवारी की तरह मप्र पुलिस भर्ती लिए भी यही होना चाहिए कि अगर अभ्यर्थी 2 मिनिट 45 सैकेण्ड में दौड निकाल लेता है तो ठीक। नहीं तो 2 साल में दौड निकाल कर दे दो। या तो 2 साल समाप्त होते ही पद खाली करो। या फिर म.प्र. पुलिस भर्ती 2018 के लिए शारीरिक मापदण्ड को उत्तरप्रदेश राज्य की तरह बदला जाए। 

कुछ खास बात भांजों की तरफ से -हमारे म.प्र.राज्य के मामाजी श्री शिवराज सिंह चौहान जी के लिए: 
मामाजी  मध्यप्रदेश के अलावा भी और भी राज्य है जैसे कि झारखण्ड और उत्तरप्रदेश, यह सभी राज्य पुलिस की भर्ती के लिए लगभग दौड का शारीरिक मापदण्ड आर्मी जैसा मांगते हैं। झारखण्ड 10 कि.मी.एक घण्टे में और उत्तर प्रदेश 4800 मी. 28 मिनिट में। या फिर इन राज्यों की तरह मप्र राज्य की आने वाली पुलिस भर्ती के लिए भी होना चाहिए।

शारीरिक मापदण्ड बदल सकता है क्योंकि 2012 में व्यापमं के परीक्षा लेने से पहले 2011 तक 5 तरह के मापदण्ड हुआ करते थे। व्यापम द्वारा 2012 के बाद, 1 ही शारीरिक मापदण्ड रह गया। उसके बाद फिर बदला 2013 में। और 2016 में बदलकर 3 चरण हो गऐ। क्या अब नहीं बदला जा सकता मापदण्ड।

मामाजी ..... कृपा कीजिए अपने भांजो पर 2018 में आने वाली पुलिस भर्ती के लिए। किसी अभ्यर्थी की पुलिस में भर्ती होने की हार्दिक इच्छा होने पर भी वह लगातार 4 बार व्यापम द्वारा 2012, 2013, 2013 द्वितीय और 2016 में परीक्षा पास करने के बाद भी दौड नहीं पाया। इसका कारण है कभी एक सेकेण्ड से तो कभी कुछ पल्स से दौड में रह जाता है। मप्र में बहुत से ऐसे अभ्यर्थी है जो इस मापदण्ड का शिकार है। 

उंचाई
पुलिस में भर्ती होने की इच्छा खने वालों को उनके लिए उनकीे उंचाई ही मात देती है। जैसे 168से.मी. मांगी जाती है। और किसी की अभ्यर्थी की उंचाई 167 से.मी. होने पर वह अभ्यर्थी पुलिस में भर्ती नहीं हो पातें है।  क्या सिर्फ अनुसूचित जनजतजाति के लिए ही अधिकार है 160से.मी.....कम.... उंचाई के लिए। तो फिर अनुसूचित जाति के लिए 168 से.मी. क्यों । कम से कम 165 या जनजाती के बराबर की रखा जाऐ।

पिछले वर्ष सामान्य प्रशासन विभाग ने बहुत से विभागों में आयु सीमा का बदलाव भी सभी वर्ग के लिए किया था। तो इस वर्ष 2018 में शारीरिक मापदण्ड को बदलने की कृपा कीजिए। 
मामा जी क्या पटवारी की तरह मप्र पुलिस भर्ती के लिए भी यही होना चाहिए कि अगर अभ्यर्थी के पास 2 मिनिट 45 सैकेण्ड में पास होता है तो ठीक। नहीं तो 2 साल में करके दे दो। नहीं तो 2 साल समाप्त होते ही पद खाली करों। या मापदण्ड को उत्तरप्रदेश राज्य की तरह बदला जाए। 

सबसे पहले म.प्र. के बाहरी राज्यों के आवेदको पर 95 प्रतिशत तक रोक लगाना चाहिए और अन्य राज्य में पुलिस विभाग में भर्ती के होने के लिए सबसे पहले तो म.प्र. निवासी को आयु सीमा में हीे आवेदको को बाहर होना पडता है ।और किसी राज्यों में तो वहॉ की भाषा, मांगी जाती है जैसे कि गुजराती या मराठी आदि मूलनिवासी और 5 या 2 प्रतिषत कोटा ही मिलता है। लेकिन फिर भी म.प्र. का निवासी अपने राज्य में पुलिस भर्ती का आवेदन ना कर दूसरे राज्यों में आवेदन करता है तो सिर्फ और सिर्फ शारीरिक मापदण्ड को देखते हुऐ। कि अन्य राज्य का फिजिकल वह आसानी से निकाल सकेगा। लेकिन 26 वर्ष का आवेदक वहॉ पर आवेदन ही नहीं कर पाता है। और अपने राज्य पुलिस का फिजिकल वह निकाल नहीं पाता है।

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