खरगोन में 1600 रुपए महीना कमाता था, आज है करोड़पति करोबारी | INSPIRATIONAL STORY

अभिलाषा सक्सेना/इंदौर। अगर काम करने का जज्बा हो तो दुनिया की कोई भी चीज आपको सफलता पाने से नहीं रोक सकती। यह बात शहर के एंटरप्रेन्योर नरेंद्र सेन ने सच कर दिखाई। उन्होंने शहर में एक फोटोकॉपी की शॉप से काम शुरू कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तीन देशों में अपनी कंपनी स्थापित की है। भारत में डाटा सेंटर्स स्थापित करने वाली दस कंपनियों में से एक शहर के सेन की 'रैकबैंक' है। सेन का मानना है कि काम करने के लिए पैसे की नहीं लगन की जरूरत है अगर सकारात्मक सोच और मेहनत के साथ आगे बढ़ेंगे तो पैसा तो अपने आप पीछे आएगा।

सेन मूलतः मप्र के बड़वाह जिला खरगोन के निवासी हैं। वे बताते हैं शहर के स्वामी विवेकानंद स्कूल से बारहवीं तक पढ़ाई करने के बाद ही मैंने यह सोच लिया था कि मुझे जो करना है उसके लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं है। इसलिए वो समय मैंने अपना ज्ञान बढ़ाने में लगाया। हालांकि अगर सही तकनीकी शिक्षा लें तो काम करने में आसानी हो जाती है। मैं जब प्रिंटआउट निकालने साइबर कैफे पर जाता था तब वहां मैंने पहली बार इंटरनेट को जाना। धीरे-धीरे उसमें रुचि बढ़ती गई और मैं उसे जानता गया।

वेबसाइट बनानी सीखी, वेब होस्टिंग सीखी। फिर मैंने देखा कि भारत में तेजी से मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग बढ़ रहा है और डाटा कंजंप्शन बहुत ज्यादा हो रहा है। लगातार बढ़ रही डाटा ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए डाटा सेंटर्स की आवश्यकता है। तभी मैंने डाटा सेंटर्स स्थापित करने का तय किया। हालांकि उस समय मुझे यह नहीं पता था कि इसके लिए काफी पैसों की जरूरत होगी, लेकिन जब पता चला तब मैंने पीछे हटने की जगह रास्ते निकाले।

डाटा सेंटर्स खोलने के लिए ज्यादा लोग आगे नहीं आते क्योंकि वो सोचते हैं इसमें पैसा बहुत चाहिए, लेकिन अगर सही सोच हो तो ऐसा नहीं है। हम सरकारों के साथ बात करते हैं क्योंकि आज कल सरकार अपने हर विभागों का डिजिटाइजेशन कर रही है। इसलिए सरकार के सहयोग से डाटा सेंटर्स खोलने का फायदा छोटे यूजर्स को भी मिल जाता है नहीं तो हर इंडस्ट्री को अपना स्वयं का सर्वर बनाना पड़ता है।

हमारा पूरा ध्यान क्वालिटी पर रहता है क्योंकि जब तक आप बिना किसी रुकावट के कनेक्टिविटी प्रोवाइड नहीं करोगे तब तक अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे। मेरा शुरू से इस बात में विश्वास था कि जो भी समस्या दिखे उसे सुलझाने का प्रयास करो, बस वहीं से आपका स्टार्टअप शुरू हो जाएगा। पहली मात्र 1600 रुपए की कमाई से सफर तय कर आज नरेंद्र सेन मिलियन डॉलर कंपनियों के मालिक हैं।

पहले भारतीय जो फिनलेंड में खोलेंगे डाटा सेंटर
नरेंद्र सेन मार्च में फिनलैंड में डाटा सेंटर बनाने जा रहे हैं। इसके साथ ही वे भारत के सभी राज्यों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए डाटा सेंटर स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए पहले चरण में महाराष्ट्र, केरल और छत्तीसगढ़ को चुना है।

कैसे काम करता है डाटा सेंटर
इंटरनेट चलाने के लिए डाटा की आवश्यकता होती है। कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल पर यह इंटरनेट डाटा बिना रूकावट मिलता रहे, इसलिए डाटा सेंटर स्थापित किए जाते हैं। डाटा सेंटर में कंप्यूटर सिस्टम एवं उससे संबंधित टेलीकम्यूनिकेशंस एवं स्टोरेज डिवाइसेस होते हैं। इसके साथ ही इसमें सर्वर, बैकअप के लिए अतिरिक्त डेटा संचार कनेक्टर, केबल्स, कूलिंग सिस्टम एवं अग्निशमन यंत्र भी होते हैं।

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