चेन्नई। तमिलनाडु में मइलादुथुरै के मयूरनाथस्वामी मंदिर के पुजारी को एक व्हाट्सएप फोटो के वायरल होने के बाद निकाल दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर में अपने पुजारी पिता की मदद के लिए छह महीने पहले ही, उनके बेटे ने सेवाएं देना शुरू की थी। उसने मंदिर की देवी अभयमबल का श्रृंगार करते हुए उन्हें सलवार-कमीज पहना दी। इसके बाद, भक्त नाराज हो गए कि इस तरह सलवार-कमीज के कारण 1000 साल पुरानी मूर्ति की 'पवित्रता' कलंकित हो गई है।
मंदिर के प्रबंधक गणेशन ने कहा कि मंदिर समिति ने तुरंत ही उस पुजारी और उसके पिता को हटाने का फैसला किया। देवी की मूर्ति को शुक्रवार को चंदन के पेस्ट से सुशोभित किया जाता है। केवल इस बार, पारंपरिक साड़ी पहनाने की बजाए राज ने मूर्ति को सलवार-कमीज और दुपट्टा पहनाया। गणेशन ने कहा कि साड़ी में जो ग्लिटर पेपर मूर्ति को सजाने के लिए उपयोग किया जाता है, उसका उपयोग पुजारी ने अलग पैटर्न में किया। पुजारी को अपनी 'गलती' का एहसास हुए बिना उसने मूर्ति को सजाने के बाद फोटो लिया और बाद में उसे व्हाट्स ऐप पर शेयर भी कर दिया।
पुजारी के रूप में कुछ समय से काम कर रहे पिता के हाथ बंटाने के लिए राज ने मंदिर में सेवाएं देना शुरू की थी। शुक्रवार को उसने देवी की मूर्ति को गुलाबी रंग की कमीज, नीले रंग की सलवार को नीले रंग के दुपट्टा पहना दिया था। तिरुवद्दीनअदाइनम (मठ) द्वारा उन्हें निष्कासित करने का फैसला लिया गया जिसके अंतर्गत तमिलनाडु में प्रशासनिक नियंत्रण के तहत लगभग 27 और मंदिर भी आते है।
हालांकि यह असामान्य नहीं है कि मंदिरों के पुजारी ऐसी सजावट के साथ रचनात्मकता करते हैं। पिछले साल जनवरी में नए साल पर कोयंबटूर के एक छोटे मंदिर में देवी-देवताओं को 2 हजार के नोटों से सजाया था।