भोपाल। कमजोरों की दबंगों से रक्षा किसी भी सरकार का पहला कर्तव्य है लेकिन श्योपुर जिले में सरकार अपना कर्तव्य नहीं निभा पाई। हालात यह बने कि टपरा गांव में एक जाति विशेष के 100 परिवार औने पौन दामों में अपने घर बेचकर पलायन कर गए। जाति विशेष के पुरुषों को गांव में घुसने नहीं दिया जाता था। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे। महिलाएं दहशत में थी। यह सबकुछ लम्बे समय तक चलता रहा। बता दें कि पीड़ितों ने सीएम की समाधान आॅनलाइन, स्थानीय विधायक और कलेक्टर तक से मदद मांगी थी परंतु किसी ने नहीं सुनी।
टपरा गांव छोड़कर पटपड़ा में रह रहे जुगराज बैरवा के परिवार की महिलाओं रोशन बाई, इंद्र बाई ने बताया कि कोल्हूखेड़ा के दबंगों ने हमें बहुत परेशान किया। गांव का रास्ता बंद कर दिया। हमें हैंडपंप से पानी तक नहीं भरने दिया गया। जब भी कोई महिला कोल्हूखेड़ा पानी भरने जाती तो उसे दबंग गाली-गलौज देते हुए मारपीट कर भगा देते। दलितों को गांव के रास्ते से निकलने नहीं दिया और खेतों से निकलने पर उन्हें गालियां दीं। यहां तक की दबंगों ने उनके गांव तक बिजली भी नहीं पहुंचने दी। इसे लेकर दलितों ने विधायक से लेकर प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की।
गांव में फैला सन्नाटा, दबंग खरीद रहे घर व खेत
टपरा गांव में रहने वाले 100 में से अधिकांश परिवार राजस्थान चले गए। शेष 8-10 परिवार गांव से निकलकर दूसरे गांवों के बाहर झोपड़ी डालकर रहने लगे। पटपड़ा गांव में बस गए जुगराज बैरवा व रामविलास ने बताया कि-हमारे मकानों पर कब्जा करने की दबंग धमकियां देने लगे।आधा-आधा बीघा की जमीनों पर बने कच्चे मकानों को दलितों ने उक्त दबंगों को सस्ते दामों में बेच दिया। हमें गांव में भी नहीं घुसने दिया। अब दलितों के खेतों पर दबंगों की नजर है। जिन्हें कब्जाने की नीयत से वह दलितों को डरा धमका रहे हैं।
हमारी कोई सुनता तो क्यों गांव छोड़ते
हमने कलेक्टर, विधायक तक से दबंगों की शिकायत की, समाधान ऑनलाइन में में भी मामला चलाया, लेकिन प्रशासन ने कोई मदद नहीं की। नतीजा दबंगों के आतंक के चलते हमें गांव ही छोड़ना पड़ा।
रोशन बाई, पीड़िता
उन्हें इस बारे में अब तक कोई भी शिकायत नहीं मिली है। यदि ऐसा कोई मामला हुआ है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी और गांव वालों को दोबारा बसाया जाएगा।
पीएल सोलंकी, कलेक्टर, श्योपुर