चुनावी साल में 1 लाख नौकरियां ला रही है शिवराज सिंह सरकार | EMPLOYMENT NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रही शिवराज सिंह विरोधी लहर को थामने के लिए सरकार का अभियान शुरू हो चुका है। अध्यापकों और पंचायत सचिवों के बाद अब सहकारिता कर्मचारियों को साधने की तैयारी चल रही है। इसके अलावा चुनावी साल में करीब 1 लाख नौकरियां लाने की तैयारी चल रही है। मप्र पटवारी भर्ती परीक्षा को इसी में गिना जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। फाइनेंस डिपार्टमेंट के अफसरों से वित्तीय स्थिति को लेकर भी चर्चा की जा रही है। 

चुनावी साल में राज्य सरकार ने योजनाओं के क्रियान्वयन से ज्यादा कर्मचारियों के हितों पर ज्यादा फोकस किया है। अध्यापकों को बड़ी सौगात देकर जहां पौने तीन लाख अध्यापकों को साधने का प्रयास किया गया है वहीं करीब 23 हजार पंचायत सचिवों को छटवां वेतनमान देने की घोषणा करके कर्मचारियों के बड़े वर्ग को खुश किया है। अब बारी सहकारिता से जुड़े अमले को फायदा दिए जाने की है। पिछले दिनों समिति प्रबंधकों और अन्य कर्मचारियों ने मांगों को लेकर प्रदेशस्तरीय आंदोलन किया था।

सरकारी नौकरी ही चुनौती: 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 दिसम्बर को आकाशवाणी से प्रसारित दिल से कार्यक्रम में घोषणा की है कि प्रदेश में 90 हजार सरकारी नौकरियों में भर्ती की जाएगी। सीएम की इस घोषणा पर कवायद शुरू हो गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से पूरा मामला मुख्यमंत्री सचिवालय भेजा है। सीएम सचिवालय इस बात को लेकर अध्यययन कर रहा है कि विभागवार रिक्त पदों पर भर्ती के लिए किस विभाग को नोडल बनाया जाए।

सबसे ज्यादा संविदा शिक्षक के पद
प्रदेश में सबसे ज्यादा पद संविदा शिक्षक वर्ग के रिक्त हैं। केबिनेट ने पिछले साल 41205 पदों को भरने के लिए मंजूरी दी थी। इसके बाद ये पद घटाकर करीब 31 हजार कर दिए गए। बताया जाता है कि संविदा वर्ग एक के लिए 10905, वर्ग दो के लिए 11200 और वर्ग तीन के लिए करीब 19000 पद भरे जाने हैं। इसके अलावा 10 हजार पद पटवारी के, नायब तहसीलदार के एक हजार से अधिक और करीब 600 पद नायब तहसीलदार के भरे जाने हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !