राहुल ने सिंधिया और कमलनाथ से पूछा: लिखकर दो कैसे जीतोगे मध्यप्रदेश | MP NEWS

भोपाल। सत्तारूढ़ BJP ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दीं हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान के सभी सरकारी कार्यक्रम चुनावी नजर आने लगे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) उनकी जीत के लिए जमीन तैयार करने सड़कों पर उतर आया है। खुद मोहन भागवत (MOHAN BHAGWAT) ने कमान संभाल ली है, और कांग्रेस (MPCC) अब तक गुटबाजी में भी उलझी हुई है। पिछले दिनों खबर आई थी कि AICC ने फैसला किया है कि मप्र में कांग्रेस बिना चेहरे (CM CANDIDATE) के चुनाव लड़ेगी। अब खबर आ रही है कि राहुल गांधी (RAHUL GANDHI) ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ से लिखित में उनका प्लान मांगा है, जो दोनों नेताओं ने सबमिट भी कर दिया है। 

खबर आ रही है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया (KAMALNATH and JYOTIRADITYA SCINDIA) से अपने अपने दावे में समर्थन में डीटेल्स मांगी हैं। उन्होंने दोनों नेताओं से उनका फार्मूला मांगा है। पूछा है कि वो किस आधार पर कह सकते हैं कि उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश में कांग्रेस को जीत मिलेगी। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने अपना फार्मूला भी सबमिट कर दिया गया है। हालांकि कांग्रेस में कोई भी फैसला फटाफट नहीं होता, फिर भी कहा जा रहा है कि जल्द ही मप्र में सीएम कैंडिडेट के नाम का ऐलान हो जाएगा। 

मप्र के काम आएगा गुजरात का सबक
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की समीक्षा के दौरान यह माना गया कि गुजरात में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण स्थानीय नेताओं की गुटबाजी भी थी। गुजरात में कांग्रेस के पास एक भी ऐसा नाम नहीं था जिसको आगे करके वोट मांगे जा सकें। इधर मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पास नामों की कमी नहीं है। एआईसीसी के रणनीतिकार कोशिश कर रहे हैं कि कोई ऐसा फॉमू्ला निकाला जाए जिससे नाम का ऐलान भी हो जाए और गुटबाजी का नुक्सान भी ना हो। 

दिग्विजय ​के तरकश में सबसे ज्यादा तीरा
पूर्व मुख्यमंत्री DIGVIJAY SINGH फिलहाल आधिकारिक अवकाश पर हैं परंतु एआईसीसी तक उनके संदेश नियमित रूप से पहुंच रहे हैं। वो खुद सीएम पद के दावेदार नहीं हैं परंतु मध्यप्रदेश की राजनीति में अपना वर्चस्व त्यागने को तैयार भी नहीं हैं। टिकट के दावेदारों की सबसे ज्यादा संख्या दिग्विजय सिंह के पास ही है। दिग्विजय सिंह गुट चाहता है कि बिना चेहरे के चुनाव हों और फिर विधायक दल तय करे कि उसका नेता कौन होगा। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (AJAY SINGH OPPOSITION LEADER) इसकी खुली मांग कर चुके हैं जबकि प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव (ARUN YADAV PRESIDENT MPPCC) के मन में भी लड्डू फूट रहे हैं। 

कमलनाथ का किस्मत कनेक्शन
छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ को किस्मत पर भरोसा है। अपने नाम से ज्यादा सीएम शिवराज सिंह की बदनामी उन्हे जीत का आधार लगती है। जनता उनमें अपना भावी मुख्यमंत्री क्यों देखे, इसके पीछे उनके पास केवल एक ही जवाब है 'छिंदवाड़ा मॉडल', तर्क है कि जब 'गुजरात मॉडल' दिखाकर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो 'छिंदवाड़ा मॉडल' दिखाकर वो सीएम क्यों नहीं बन सकते। समर्थकों का अच्छा खासा फौजफाटा है। पिछले 15 साल में उन्होंने सैंकड़ों समर्थकों को टिकट दिलाए, कितने जीते कितने हारे, इसका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। 

सलाहकारों के श्रीमंत सिंधिया की अलग सियासत
ज्योतिरादित्य सिंधिया की सियासत का अंदाज ही अलग है। सिंधिया के समर्थक बनने के लिए भी कांग्रेसी नेताओं को परीक्षाएं पास करनी होती हैं। सलाहकारों की एक ऐसी फौज सिंधिया के साथ है जो उन्हे काफी अच्छे सपने दिखाती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि पब्लिक में उनका अपना ही क्रेज है, एक चुम्बकीय आकर्षण है जो जनता को खींच ले आता है लेकिन उनके घराने में इतने समर्थक नहीं जो मध्यप्रदेश में बहुमत हासिल कर सकें। अपने क्षेत्र की कोलारस सीट जीतने के लिए उन्हे केपी सिंह की मदद लेनी पड़ रही है। 

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