भोपाल। रिटायर्ड अधिकारी कर्मचारियों को वापस सेवाओं में लेने के लिए संविदा नियुक्ति नियम (CONTRACTUAL APPOINTMENT RULE) में बदलाव पर वित्त विभाग सहमत हो गया है। नई व्यवस्था यह बनाई जा रही है कि विभाग को पदों को अलग से संविदा घोषित नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही पहले की तरह नियुक्ति प्रकरणों की छानबीन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की समिति बनेगी। सामान्य प्रशासन विभाग के SAMVIDA NIYUKTI NIYAM में संशोधन के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने यह कहते हुए वापस लौटा दिया था कि इससे संविदा के पदों में बेतहाशा वृद्धि हो जाएगी। जबकि जब नियम बने थे, तब यह प्रस्ताव था कि एक साल तक यदि सीधी भर्ती या पदोन्नति के जरिए पद नहीं भरते हैं तो संविदा नियुक्ति की जा सकेगी।
विधि एवं विधायी विभाग ने भी इस पर सहमति जताई थी, लेकिन कैबिनेट में प्रस्ताव रखने से चंद घंटे पहले इस बिंदु को हटा दिया गया था। अब जब संविदा पद घोषित करने की नौबत आई तो सामान्य प्रशासन विभाग ने एक बार फिर नियम में संशोधन का प्रस्ताव भेजा था। बताया जा रहा है कि वित्त विभाग प्रस्ताव से सहमत हो गया है। अब हर बार पद को संविदा का घोषित कराने की जरूरत नहीं होगी।
प्रमुख अभियंता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, संचालक, अतिरिक्त संचालक, संयुक्त संचालक या अन्य ऐसा कोई पद जो खाली है और लंबे समय तक सीधी भर्ती या पदोन्नति के जरिए भरने की संभावना नहीं है तो उस पर सीधे संविदा आधार पर नियुक्ति की जा सकेगी। वित्त मंत्री जयंत मलैया भी संविदा नियुक्ति नियमों में संशोधन की पुष्टि कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग वित्त विभाग से फाइल लौटने पर कैबिनेट में नियमों में संशोधन का प्रस्ताव लाएगा।