सिंधिया चुनाव जिताएंगे, लेकिन सरकार दिग्विजय सिंह बनाएंगे | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में आ रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सीन बदलता हुआ नजर आ रहा है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई एक मीटिंग में तय किया गया कि कांग्रेस मप्र मेंं बिना सीएम कैंडिडेट के चुनाव लड़ेगी। अब सवाल यह है कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया का क्या होगा। माना जा रहा है कि सिंधिया को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया जाएगा। ​सीएम शिवराज सिंह से सीधा मुकाबला सिंधिया का ही होगा परंतु कांग्रेसी पंडितों का गणित कहता है कि कांग्रेस जीती तो सरकार दिग्विजय सिंह ही बनाएंगे। सीएम वही होगा जिसे दिग्विजय सिंह चाहेंगे। 

यूं तो भाजपा में भी सीएम शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी खतरे में बताई जा रही है। दबी जुबान में कहा जा रहा है कि अमित शाह एन वक्त पर सीएम कैंडिडेट बदल देंगे। प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के इस्तीफे की अफवाह झूठी थी परंतु 2018 का विधानसभा चुनाव उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते ही होगा इस पर अभी भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हुआ है। 

कांग्रेस में गुटबाजी ने अपना रंग दिखा दिया है। पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा था कि मप्र में सीएम कैंडिडेट घोषित करने की परंपरा नहीं है। इसके बाद एक कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को सीएम कैंडिडेट बनाने की मांग की गई। यह उस वक्त हुआ जब माना जा रहा था कि अरुण यादव को पद से हटाया जा सकता है। इस मांग के बाद खबर आई कि यादव प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। 

मप्र में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया सीएम कैंडिडेट के लिए बड़े दावेदार थे परंतु अब सीन बदलता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में 2 नए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएंगे। इनमें से 1 कमलनाथ की व्यक्तिगत पसंद का नेता होगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव अभियान समिति का चेयरमैन बनाया जाएगा और वो ही चुनाव प्रचार की बागडोर संभालेंगे लेकिन टिकट वितरण में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सबसे ज्यादा तवज्जो मिलेगी। अंतत: यदि कांग्रेस मप्र में जीत गई तो सीएम वही होगा जिसे दिग्विजय सिंह चाहेंगे। 

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