दृष्टिहीनों का जल सत्याग्रह, अध्यापकों का मुंडन, अब नर्सों की चुप्पी हड़ताल | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में कर्मचारियों (GOVERNMENT EMPLOYEE) को अपनी मांगों की तरफ ध्यान आकर्षित करवाने के लिए क्या क्या नहीं करना पड़ रहा। दृष्टिबाधितों ने कड़कड़ाती सर्दी में जल सत्याग्रह किया। वो 1 महीने से धरने पर बैठे हैं। पिछले दिनों महिला अध्यापकों ने मुंडन कराकर शिवराज सिंह सरकार को उनके घोषणा पत्र की याद दिलाई और अब हड़ताल के चौथे दिन नर्सों ने मुंह पर उंगली रखकर चुप्पी हड़ताल (SILENT PROTEST) का प्रदर्शन किया है। 

इंदौर के MGM MEDICAL COLLEGE की नर्सों की STRIKE का आज चौथा दिन है। चौथे दिन नर्सों ने मौन प्रदर्शन किया। इस दौरान मुंह पर उंगली रखकर नर्सें धरने पर बैठी रहीं। नर्सों की हड़ताल को अवैध बताकर उन्हें कार्रवाई की चेतावनी दी गयी थी, लेकिन सीनियर नर्सों का भी समर्थन मिलने के बाद उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी। सातवें वेतनमान और 5 अन्य मांगों को लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज की 700 से अधिक नर्सें और मध्यप्रदेश में 2500 से ज्यादा नर्सें पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर हैं। 

बुधवार शाम एमवाय प्रबंधन ने एक नोटिस जारी कर नर्सों की हड़ताल को अवैध बताकर उन्हें कार्रवाई करने की चेतावनी दी गयी थी। इस चेतावानी के विरोध में एमवाय में काम कर रही सीनियर नर्सों ने कार्रवाई किये जाने की स्थिति में खुद भी हड़ताल पर जाने का एक लेटर एमवाय प्रबंधन को दे दिया। जिसके बाद हड़ताल पर आई नर्सों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। एमवाय प्रबंधन और जिम्मेदारों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए नर्सों ने गुरूवार को एमवाय के मेन गेट पर मौन धरना दिया।

नर्सिंग एसोसिएशन अध्यक्ष सोहनलाल शर्मा ने बताया कि 2 घंटो के लिए हड़ताल का समर्थन करने पहुंची सीनियर नर्सों को गुलाब का फूल देकर उनसे मांग की है कि वे भी अब इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल हो जाएं। मांगे नहीं माने जाने के पीछे एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन शरद थोरा जिम्मेदार हैं। वहीं कहा कि, हम पर कार्रवाई होने की स्थिति में पूरे मप्र की नर्से हड़ताल पर जाएंगी।

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