मप्र चुनावों में उतरेगी नेतापुत्र युवराजों की फौज | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में वक्त के साथ सियासत भी बदल रही है। एक वक्त वो भी था जब परिवारवाद का आरोप ना लगे इसलिए सीएम शिवराज सिंह समेत कई नेताओं ने कार्यकर्ताओं की मांग के बावजूद अपने परिवारजनों को चुनाव में नहीं उतारा था लेकिन अब वक्त यह है कि मध्यप्रदेश में युवराजों की ना केवल फौज तैयार है, बल्कि इस बार उन्हे चुनाव लड़ाने की भी पूरी तैयारियां की जा चुकीं हैं। पत्रकार संदीप भम्मरकर की रिपोर्ट के अनुसार एमपी बीजेपी में अब पुत्र युग दस्तक दे रहा है। आधा दर्जन से ज्यादा दिग्गज बीजेपी नेताओं के बेटे राजनीति में कदम रख चुके हैं। सीएम शिवराज ने अपने बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान केवल बुधनी तक सीमित नहीं रखा है बल्कि कोलारस-मुंगावली के उपचुनाव के पहले उन्हे सक्रिय करके कुछ और ही संकेत दे दिया है। 

कार्तिकेय सिंह चौहान
कार्तिकेय सिंह चौहार शिवराज सिंह चौहान के बेटे हैं। बुधनी में बीते पांच साल से सक्रिय हैं। चुनावी सभाएं भी लेते रहे हैं। बीजेपी के युवा मोर्चा में पदाधिकारी बनाए गए हैं। कोलारस-मुंगावली इलाके में हुए उपचुनाव में उनकी मौजूदगी ने चौंका दिया। इसे उनके राजनीति में आने का इशारा समझा जा रहा है।

आकाश विजयवर्गीय
आकाश, कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। पिता के विधानसभा क्षेत्र महू का पूरा काम आकाश ही देखते हैं। बीते विधानसभा चुनाव में भी आकाश को टिकट का दावेदार समझा जा रहा था। पांच साल में आकाश राजनीति के और भी पक्के खिलाड़ी हो गए हैं।

देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर
नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे हैं देवेंद्र प्रताप सिंह। बीते विधानसभा चुनाव में देवेंद्र का नाम टिकट दावेदारों में लिया जा रहा था, लेकिन तोमर उस वक्त प्रदेश अध्यक्ष थे। इसलिए बेटे देवेंद्र का नाम दावेदारों से खुद तोमर ने हटा लिया। अब तोमर के सामने संकोच का कारण खत्म हो चुका है।

मुदित शेजवार
मुदित, गौरीशंकर शेजवार के बेटे हैं। गौरीशंकर शेजवार इस साल रिटायरमेंट के मूड में हैं। पिता के चुनावी क्षेत्र में वे काफी पहले से सक्रिय रहे हैं। इस बार उनकी सक्रियता ज्यादा दिखाई दे रही है। लिहाजा वे पिता के विधानसभा सीट से स्वाभाविक उम्मीदवार के तौर पर दिखाई दे रहे हैं।

तुष्मुल झा
तुष्मुल, प्रभात झा के बेटे हैं। ये बीजेपी की मंडलियों में अक्सर दिखाई देने लगे हैं। भोपाल में उनकी सक्रियता और मेल-मिलाप से उनकी दावेदारी की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। तुष्मुल बीजेपी युवा मोर्चा में भी पदाधिकारी हैं।

अभिषेक भार्गव
गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव राजनीति के पके हुए खिलाड़ी बन गए हैं। पिछले 10 साल से वे पिता के विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले चुनाव में तो पूरा चुनाव ही अभिषेक की रणनीति पर लड़ा गया।

सिद्धार्थ मलैया
जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ हमेशा ही पिता के जिम्मेदार बेटे रहे हैं। दमोह में चुनावी कामकाज सिद्धार्थ ही निपटाते हैं। धीर-गंभीर सिद्दार्थ को ताकत उनके पिता के साथ मां सुधा मलैया से भी मिलती है। इस बार फिर वे टिकट के दावेदार के रूप में नजर आ रहे हैं।

मौसम बिसेन
गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम बालाघाट में सक्रिय हैं। चुनाव लड़ने की चर्चा पिछली बार भी हो चुकी है। इसलिए इस बार दावा ज्यादा मजबूत है। मौसम के पिता के साथ उनकी मां रेखा बिसेन भी जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं।

गौर करने वाली बात ये है कि बीजेपी भी राजकुमारों की इस नई टीम को हल्के में नहीं ले रही हैं। पूरी गंभीरता से इनके एक-एक कदम पर पार्टी की नजर है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान साफ कहते हैं कि योग्यता है तो टिकट देने से कोई परहेज नहीं किया जाएगा लेकिन इसे के चलते कांग्रेस को बीजेपी पर हमला करने का मौका मिल गया है। नेता पुत्रों की लांचिंग को लेकर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि अब बीजेपी पार्टी विद डिफरेंस नहीं रह गई।

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