मंत्रालय के सामने कर्मचारियों की भूख हड़ताल, सरकारी काम ठप | MP EMPLOYEE NEWS

भोपाल। राजधानी भोपाल में वेतन विसंगति, अनुकंपा नियुक्ति समेत लंबित मांगों को लेकर चार कर्मचारी संगठनों ने मंत्रालय के सामने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस भूख हड़ताल (HUNGER STRIKE) में चारों संगठन के करीब 100 कर्मचारी शामिल हुए हैं, जबकि शेष ढाई लाख कर्मचारियों ने हड़ताल को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की है। PROTEST के चलते मंत्रालय और आसपाल पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है। पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए है, जिससे की किसी भी अप्रिय स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

हड़ताल के चलते मंत्रालय, विंध्याचल, सतपुड़ा, नर्मदा भवन और निर्माण भवन में संचालित दफ्तरों का कामकाज पूरी तरह ठप्प हो गया है। हड़ताल तीन दिन तक चलेगी। इस आंदोलन में मंत्रालय कर्मचारी संघ, मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, मध्य प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ और लघु वेतन कर्मचारी संघ शामिल हैं। वे लिपिक और कर्मचारियों की वेतन विसंगति, अनुकंपा नियुक्ति समेत लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने से नाराज हैं।

इसे लेकर चारों संगठन प्रमुखों ने 15 दिन पहले सरकार को चेतावनी दी थी लेकिन इस दौरान सरकार की ओर से कोई पहल नहीं देखते हुए कर्मचारियों ने बुधवार से भूख हड़ताल शुरू की। ये कर्मचारी सुबह 10 से शाम 5 बजे तक कार्यालयीन समय में हड़ताल पर रहेंगे।

कर्मचारियो ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो पूरे मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को एकजुट करने के लिए रथयात्रा निकाली जाएगी और उसके बाद कर्मचारी अनिश्चतकालीन हड़ताल करेंगे।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगे
कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर की जाए
रमेशचंद्र अग्रवाल कमेटी की 23 अनुशंसाओं को लागू किया जाए
पात्र कर्मचारियों को पदोन्नति दी जाए
सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से बढ़ाकर 62 साल की जाए
मंत्रालयीन आवासीय प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन किया जाए
सचिवालय भत्ते का रिवीजन किया जाए
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो को प्रोफेशनल टैक्स की परिधि से बाहर किया जाए
भृत्य और जमादार का पदनाम परिवर्तित कर कार्यालय सहायक किया जाए
अनुकंपा नियुक्ति के नियमों को सरल किया जाए
वृत्तिकर समाप्त किया जाए

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !