पढ़िए किन राशि वालों को आसानी से मिल जाता है धन और वैभव | JYOTISH

परमात्मा ने नवग्रह मंडल और 12 राशियों मे विभाग वितरण कुछ इस तरह से किया है कुछ राशियों मे धन आद्यात्म परोपकार की प्रधानता रहती है तो कुछ राशियों मे आमोद प्रमोद ऐश्वर्य की इसके अलावा कई राशियों मे बल, साहस तथा हिम्मत की प्रधानता रहती है, सभी 12 राशियों मे जल, अग्नि, वायु, पॄथ्वी तत्व की प्रधानता है, किसी राशि के लिये जल मुख्य ग्रह है अग्नि शत्रु ग्रह है, जातक अपने शत्रु तत्व की जानकारी लेकर अपनी सुरक्षा और बचाव कर सकता है, अपने कारक तत्व की जानकारी लेकर उससे लाभ उठा सकता है, कुछ राशि वाले जीवन भर ज्ञान, शिक्षा, प्रतिष्ठा आदि खूब कमाते है, परन्तु जहां धन कमाने की बारी आती है, वहां वे कमजोर पढ़ जाते है, ऐसा उनकी पत्रिका मे ग्रहयोग के कारण होता है, कुछ राशिया ऐसी होती है जिनमें धन वैभव और ऐश्वर्य की प्रधानता रहती है। (Astrological sign Wealth and Glory)

धन वैभव का कारक शुक्र
शुक्र को ज्योतिष मे लक्ष्मी, धन, वैभव और यश का ग्रह कहा गय़ा है जिनकी राशि मे यह  ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि तुला, उच्च राशि मीन मे होता है वो लोग आर्थिक क्षेत्र मे अच्छी उन्नति पाते है, ऐश्वर्य और वैभव इन्हे सहजता से प्राप्त हो जाता है।

वृषभ
इस राशि मे शुक्र ग्रह लग्न का स्वामी होता है। इस राशि वालों को आर्थिक समृद्धि, ऐश्वर्य सहजता से प्राप्त हो जाता है। यदि शुक्र ग्रह तुला या मीन राशि मे हो तो व्यापार, नौकरी मे आर्थिक उन्नति के रास्ते जल्दी खुलते हैं। उच्च स्तर का रहनसहन खानपान, वाहन, भवन इनकी कुंडली मे ही रहता है। शुक्र एक स्त्री ग्रह है प्रेम विवाह आदि का कारक होता है। ऐसे लोग जब विपरीत लिंग के सम्पर्क मे आते है तो इनकी किस्मत इन पर मेहरबान होती है। विवाह होने के पश्चात निश्चित रूप से आर्थिक उन्नति के द्वार खुलते हैं, चूंकि शनि इनकी पत्रिका मे कारक है इसीलिये जन्म स्थान से दूर दक्षिण पश्चिम दिशा मे इनका भाग्योदय होता है, विदेशी समाज तथा पश्चिमी संस्कॄति इन्हे खास फलित होती है।

कर्क
इस राशि के विषय मे यह कहा जाता है की ये लोग चांदी की चम्मच मुंह मे लेकर पैदा होते है। शुक्र ग्रह इस राशि मे लाभ और सुख का स्वामी होता है, पत्रिका मे यदि तुला (7) और मीन (12) राशि का शुक्र हो तो आलीशान और भव्य जीवन मिलता है। सामान्य ग्रहयोग मे भी ये लोग अच्छा जीवन गुजारते है।

कन्या
इस राशि मे शुक्र महाराज धन और भाग्य के स्वामी होते हैं, धन भाव मे तुला राशि, सप्तम भाव मे शुक्र की उच्च राशि और भाग्य भाव मे वृषभ राशि होती है यदि शुक्र ग्रह अकेला ही कुंडली मे अच्छा हो तो जीवन मे भाग्य से विशेष लाभ मिलता है। ऐसे लोग व्यापार मे खास सफलता प्राप्त करते हैं, यदि शुक्र ग्रह तुला (7) वृषभ (2) और मीन राशि (12) मे हो तो ऐसे जातक के यहां धनवर्षा योग बनता है, विवाह के पश्चात ऐसे लोगो को भाग्य खुलता है।

तुला
यह शुक्र की मूल राशि त्रिकोण राशि है, सजना संवरना, आलीशान तरीके से रहना ऐसे लोगों के भाग्य मे रहता है। विपरीत सम्बंध इनके लिये फलदायी होते है, शुक्र तुला राशि (7) मे हो तो ऐसे लोग जीवन मे खास सफलता प्राप्त करते है। इस राशि के लोगों मे यह खासियत होती है की ये लोग सामान्य परिस्थिति मे पैदा होकर सबसे सम्पन्न और अमीर व्यक्ति बन सकते हैं। वृषभ और तुला राशि मे शनि ग्रह के विशेष सहयोग के कारण ऐसा होता है।

मकर
इस राशि मे शुक्र ग्रह परम योगकारी होता है, वृषभ और तुला राशि की तरह इस राशि मे शनि और शुक्र ग्रह की खास जुगलबंदी होती है, इस राशि मे शुक्र ग्रह पंचम और राज्य स्थान का स्वामी होता है, जिसके कारण ये लोग सामान्य परिस्थिति मे जन्म लेकर भी संसार के सफल व्यक्तियों मे शुमार हो जाते है,विवाह और प्रेम सम्बंध,जन्मस्थान से दूर दक्षिण पश्चिम दिशा इनको विशेष लाभ देती है।

कुम्भ
इस राशि के लिये शुक्र ग्रह परमकारक होता है, इस राशि मे भी शुक्र और शनि की विशेष जुगलबंदी होती है, शुक्र सुख और भाग्यस्थान का स्वामी होता है, पत्रिका मे तुला (7) वृषभ (2) मीन (12) राशि का शुक्र जातक और ऐश्वर्यपूर्ण जीवन देता है, सुख उच्चस्तर का जीवन, भोग और वैभव इनकी किस्मत मे होता है।

विशेष
जिनकी राशि मे शुक्र शुभ होता है वहां शनि भी परम कारक होता है, इन लोगों के लिये प्रेम, प्रेमिका, विवाह, परदेश, दक्षिण पश्चिम दिशा विशेष रूप से फलित होते है।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184,7000460931
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