नए साल की पहली सुबह बेटे ने की माता पिता की हत्या | CRIME NEWS

भिलाई। नए साल की पहली सुबह लोग अक्सर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेते हैं परंतु यहां एक बेटे ने पहले अपने पिता को गोली मारी और फिर मां को निशाना बनाकर पिस्टल खाली कर दी। बेटा अपने पिता से इसलिए नाराज था क्योंकि वो उसे वायदा कारोबार में लगाने के लिए पैसे नहीं दे रहे थे। कहा जा रहा है कि वो कुछ लड़कियों को भी अपने घर बुलाता रहता था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। मृत पिता रावलमल जैन छत्तीसगढ़ के चिरपरिचित चेहरा है। 

छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई शहर में सोमवार को सुबह 6:30 बजे नगपुरा पार्श्वनाथ तीर्थ के संस्थापक 72 साल के रावलमल जैन और उनकी 67 साल की पत्नी सुरजी देवी की उनके ही 40 साल के बेटे संदीप जैन ने हत्या कर दी। जब मामले का खुलासा हो गया तो बेटे संदीप ने माना कि वो मां को नहीं मारना चाहता था। उसने बताया कि उसकी आदतों के चलते पिता अक्सर डांटते थे पर मां हमेशा उसका फेवर करती थीं। शनिवार को भी रावलमल जैन ने अपने घर में स्थित मंदिर में अर्पण के लिए शिवनाथ नदी से पानी मंगाया तो संदीप ने टोका था। इस बात को लेकर पिता-पुत्र की लड़ाई हो गई और मां ने बीच-बचाव करते हुए बेटे संदीप का पक्ष ले लिया। बेटे का पक्ष लेने के चलते मां को मार भी खानी पड़ी।

पिता की बर्थडे के दिन की हत्या
संदीप ने वायदा कारोबार में पैसे लगा रखे थे, इसमें उसे करीब 7 करोड़ रुपए नुकसान हुआ था। संदीप को किसी को 73 लाख रुपए देने थे। उसने पिता से पैसे मांगे, लेकिन उन्होंने उन्होंने इनकार कर दिया। इस वजह से पिता-बेटे में विवाद के हालात बने रहते थे। रविवार रात भी दोनों के बीच विवाद हुआ था। इसके बाद उसने पिता को मारने का प्लान बना लिया। रविवार को उसने गार्ड को छुट्टी दे दी। पत्नी को मायके भेज पिस्तौल और गोलियों का इंतजाम किया। संदीप ने पिता को उनके बर्थडे के दिन ही मारने का प्लान बनाया।

फिर मां को भी नहीं छोड़ा
31 दिसंबर की रात को सभी लोग न्यू ईयर का जश्न मना रहे थे। वहीं संदीप की नींद उड़ी हुई थी। प्लान के मुताबिक नए साल की सुबह बाथरूम जाते हुए पिता को गोली मारनी थी। सोमवार की सुबह सीढ़ियों में छुपकर बैठ गया। पिता पीछे के दरवाजे से बाथरूम गए। उस वक्त वो चूक गया। तब उसने बाथरूम से निकलने का इंतजार किया। जैसे ही वो निकलने लगे तो मुंह पर नकाब लगाकर उसने पिता को दो गोलियां मार दी। गोली लगते ही रावलमल धड़ाम से गिर गए।आवाज सुन इनकी पत्नी सुरजी देवी आईं और पति को खून से सना देख बेटे को फोन लगाया। संदीप पास में ही था, लेकिन फोन उठाया नहीं। तभी उन्होंने अपने नाती को फोन लगा दिया। संदीप को समझ अ गया कि उसका भांजा महज 10 मिनट में ही आ जाएगा और पोल खुल जाएगी। ऐसे में उसने खुद को बचाने के लिए अपनी मां पर भी तीन गोलियां दाग दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

ऐसे किया पुलिस को गुमराह
पुलिस को गुमराह करने संदीप ने पिस्टल और 12 जिंदा कारतूस घर के पीछे खड़े लोडिंग ऑटो में रख दिए थे। आरोपी ने घटना के बाद घर की खिड़की को भी खोल दिया था। पुलिस ने संदीप से जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने गुनाह कबूल कर लिया। 

कविता सुनाने लड़कियों को घर बुलाता था
पुलिस के मुताबिक, आरोपी संदीप कवि बनना चाहता था। वह देश में अलग-अलग जगह कवि सम्मेलन आॅर्गनाइज कराता था। कविता सुनाने के लिए वह लड़कियों को अक्सर घर पर भी बुलाता था। संदीप ने वायदा कारोबार में भी पैसे लगा रखे थे, इसमें उसे करीब 7 करोड़ रुपए नुकसान हुआ था। उसे किसी को 73 लाख रुपए देने थे। उसने पिता से पैसे मांगे, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इस वजह से पिता-बेटे में विवाद के हालात बने रहते थे।

पार्श्वनाथ तीर्थ स्थापित किया मणि का खिताब मिला
रावलमल मूल रूप से साजा के रहने वाले थे। 1966 में उन्होंने वीकली न्यूज पेपर छत्तीसगढ़ निकाला। 1979 में उन्होंने दुर्ग जिले के नगपुरा में पार्श्वनाथ तीर्थ की स्थापना की। आज पूरी दुनिया में नगपुरा एक जैन तीर्थ के तौर पर विख्यात है। रावलमल ने करीब 108 किताबें भी लिखीं हैं। उनके परिचितों ने उन्हें मणि का खिताब दिया था। रावलमल दुर्ग के राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार कमेटी के अध्यक्ष भी थे।

अंतिम संस्कार में पहुंचे सीएम और एमपी
रावलमल जैन और सुरजी देवी का अंतिम संस्कार नगपुरा में किया गया। दोनों को मुखाग्नि पोते संयम (13) ने दी। अंतिम संस्कार के दौरान सीएम डॉ. रमन सिंह, सांसद अभिषेक सिंह, विधायक अरुण वोरा, मंत्री रमशीला साहू, सांसद ताम्रध्वज साहू समेत कई लोग मौजूद रहे। सीएम डॉ. रमनसिंह ने उनके निधन पर कहा कि नगपुरा तीर्थ को संवारने और आगे बढ़ाने में रावलमल का योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सालय, जैन गुरुकुल की स्थापना की। चिकित्सालय में आज भी जहां मरीजों का इलाज काफी कम फीस पर किया जा रहा। बच्चों को गुणवान और संस्कारवान बनाने में योगदान दिया।

रावलमल के थे अडानी ग्रुप से रिश्ते
रावल मल जैन मूल रूप से साजा से आते हैं। उनके पिता का अनाज की खरीदी-बिक्री का कारोबार था। 1 जनवरी को ही उनका 75 वां जन्मदिन था। 1979 में उन्होंने नगपुरा में पार्श्वनाथ तीर्थ की स्थापना की। उन्होंने प्राचीन प्रतिमाओं का संग्रहण कर नगपुरा को जैन तीर्थ तक का सफर तय किया। आज पूरी दुनिया में नगपुरा एक जैन तीर्थ के तौर पर विख्यात है। रावलमल ने करीब 108 किताबें भी लिखी। दिवंगत रावलमल के देश के बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट गौतम अडानी से सीधे रिश्ते रहे। अडानी के पिता शांतिलाल जैन के नाम पर ही नगपुरा तीर्थ में प्राकृतिक चिकित्सालय व कॉलेज का संचालन हो रहा। गौतम अडानी भी इसके ट्रस्टी हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !