भारतीय रेल: अब CLOCK ROOM में मनमाना किराया लगाने की छूट | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। भारतीय रेल अब पूरी तरह से मुनाफा कमाने वाली प्राइवेट कंपनी मेें बदलने लगी है। यात्री संख्या बढ़ने पर किराया बढ़ाने। एक ही ट्रेन में एक ही रूट का अलग अलग किराया वसूलने के बाद अब रेल अफसरों ने क्लॉक रूम से भी खुली कमाई का रास्ता खोज लिया है। पहले क्लॉक रूम का किराया दिल्ली से निर्धारित किया जाता था पंरतु अब लोकल के अधिकारियों को खुली छूट दी जा रही है। वो जितना चाहें, उतना किराया (RENT) तय कर सकते हैं। रेलवे बोर्ड ने अब मंडल रेल प्रबंधकों (DRM) को स्टेशनों पर इस सुविधा का शुल्क बढ़ाने का अधिकार दे दिया है।  सेवा को आधुनिक बनाने के लिए शीघ्र ही बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसमें कम्प्यूटरीकृत माल सूची शामिल होगी और सालाना मूल्य बढ़ाने की अनुमति होगी।

वर्तमान में रेलवे 24 घंटे के लिए लॉकर के इस्तेमाल के लिए यात्रियों से 20 रुपए का शुल्क है और प्रत्येक अतिरिक्त 24 घंटे के लिए 30 रुपए वसूले जाते हैं। पहले यह मूल्य 15 रूपए था वहीं क्लॉकरूम का शुल्क 24 घंटे के लिए 15 रुपए है।  वर्ष 2000 में यह सात रुपए था और प्रत्येक अतिरिक्त 24 घंटे के लिए यात्रियों से 20 रुपए लिए जाते हैं।  इससे पहले यह शुल्क 10 रुपए था।  नई नीति के अनुसार , ‘‘यह निर्णय लिया गया है कि स्थानीय स्थितियों के अनुसार डीआरएमों को क्लॉक रूमों और लॉकरों के किराये बढ़ाने के पूरे अधिकार होंगे।’’

आधुनिकीकरण के लिए खर्च होंगे 1 लाख 20 हजार करोड़
वर्तमान वित्त वर्ष में रेलवे में सुधार और आधुनिकीकरण के लिए 1,20,000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अगले वित्त वर्ष में इससे भी ज्यादा राशि खर्च की जाएगी। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि इस साल सरकार रेलवे में सुधार और आधुनिकीकरण के लिए 1.20 लाख करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जाएगी।

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