डीजल के दामों ने रिकॉर्ड तोड़ा, पेट्रोल 80 तक पहुंचने की उम्मीद | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। दिल्ली में डीजल की कीमतों ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। मंगलवार को दिल्‍ली में डीजल के दाम 59.76 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए। डीजल के ये दाम अब तक दिल्ली में सबसे ज्यादा हैं। वहीं, पेट्रोल के दाम भी 69.97 रुपए प्रति लीटर पहुंच चुके हैं। जानकारों का मानना है कि इसी रफ्तार से दाम बढ़ते रहे तो पेट्रोल भी जल्द नया रिकॉर्ड कायम करेगा। नोमुरा जैसी एजेंसी भी पहले ही आशंका जता चुकी हैं कि पेट्रोल के दाम 80 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकते हैं। आपको बता दें इससे पहले सोमवार को डीजल की कीमत 59.70 रुपए प्रति लीटर थी और पेट्रोल के दाम 69.97 रुपए प्रति लीटर रहे थी। कोलकाता और चेन्नई में डीजल सितंबर 2014 में सबसे महंगा था।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 28 दिसंबर 2017 को राज्यों से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने को कहा था। धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक, कई राज्यों ने पिछले कुछ महीनों में वैट में कटौती भी की है लेकिन, जिन राज्यों में वैट अधिक है उन्हें और वैट कटौती के लिए कहा है। धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक, राज्यों के बीच सहमति बनने के बाद ही पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। सरकार ने अक्टूबर में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 21.48 रुपए से घटाकर 19.48 रुपए की थी। वहीं, डीजल पर भी एक्साइज ड्यूटी 17.33 रुपए से घटाकर 15.33 रुपए प्रति लीटर की गई थी।

कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। फिलहाल कच्चा तेल 3 साल की ऊंचाई पर है। ब्रेंट क्रूड के दाम 67 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुके हैं। इससे पहले जनवरी 2015 में कच्चा तेल 65 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंचा था लेकिन, पिछले दो महीने से कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है। जून 2017 के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में 38 फीसदी का इजाफा हो चुका है। डब्ल्यूटीआई क्रूड (यूएस वैस्ट टैक्सास इंटरमीडिएट) की कीमत भी इन दिनों 60.59 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है। जून के बाद से डब्ल्यूटीआई क्रूड 30 फीसदी महंगा हुआ है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती के बजाए बढ़ने की उम्मीद है।

मिडल ईस्ट में तनाव बढ़ने से ग्लोबल क्रूड की कीमतों में तेजी आने की संभावना है और इसका असर वैश्विक महंगाई पर पड़ेगा। अगर ब्रेंट क्रूड की कीमतें मौजूदा स्तर से 30 पर्सेंट बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल पर जाती हैं तो इससे 2018 में अमेरिका और यूरोप में इन्फ्लेशन 0.4-0.9 पर्सेंट बढ़ेगी। जापान में कोर इन्फ्लेशन 1.5 पर्सेंट को पार कर सकती है। अगर क्रूड ऑइल के दाम बढ़ते हैं तो इससे रूस, कंबोडिया, मलयेशिया और ब्राजील को सबसे अधिक फायदा होगा। इससे भारत, चीन, इंडोनेशिया, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की को नुकसान उठाना पड़ेगा।

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