बाबा रामदेव: स्वदेशी के कारोबार में 3000 करोड़ का विदेशी निवेश | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि में फ्रांसीसी कंपनी LMVH मोनेट हेनेसी-लुई वयुईट्टन 500 मिलियन (करीब 3,250 करोड़ रुपए) का निवेश करने जा रही है। पतंजलि के प्रवक्ता एसके गुप्ता तिजारावाला ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि फ्रांस के लग्जरी ग्रुप LMVH ने पतंजलि में 500 मिलियन डॉलर निवेश करने की इच्छा जताई तो आचार्य बालकृष्णन ने कहा जैसे हम विदेशी तकनीक का उपयोग प्रगति के लिए करते हैं, वैसे हमे राष्ट्र हित के लिए विदेशी पूंजी से परहेज नहीं है। पर हम पैसा अपनी शर्तों पर लेंगे, शेयर या स्टेक नहीं देंगे।

खबरों के मुताबिक पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि वो कंपनी में हिस्सेदारी नहीं बेचना चाहते। पतंजलि 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेना चाहती है। कंपनी को इस पैसे की तुरंत जरूरत है। इससे वह नागपुर, ग्रेटर नोएडा, असम, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान में अपना 10,000 एकड़ में प्लांट लगाएगी। बालकृष्ण ने कहा कि कंपनी को बैंकों से कम रेट पर कर्ज मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसके लिए यूबीएस ने कई विदेशी निवेशकों के साथ मीटिंग फिक्स की है। बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि में हिस्सेदारी नहीं बेची जाएगी। उन्होंने कहा कि वह एल कैटर्टन से बात करने को तैयार हैं।

पतंजलि पिछले कुछ सालों में देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शामिल हो गई है। उसने हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोलगेट पामोलिव और डाबर जैसी ग्लोबल और लोकल कंपनियों को अपने आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो को विस्तार देने पर मजबूर कर दिया है। एल कैटर्टन एशिया के मैनेजिंग पार्टनर रवि ठाकरान ने कहा, ‘हम अगर कोई मॉडल ढूंढ पाएं तो उनके साथ जरूर बिजनेस करना चाहेंगे।’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘उनके मॉडल में बहुराष्ट्रीय और विदेशी निवेश की गुंजाइश नहीं है, ऐसा मुझे लगता है।’ ठाकरान ने बताया, ‘पतंजलि ग्लोबल कंपनी बन सकती है।’ उन्होंने कहा कि पतंजलि अपने प्रॉडक्ट्स अमेरिका, जापान, चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोप में भी बेच सकती है और एल कैटर्टन इसमें उसकी मदद करेगी।

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