SEA PLAN: 70 साल पहले सिंधिया के बांध में उतरा करते थे

ग्वालियर/ NATIONAL NEWS। गुजरात चुनाव प्रचार के आखरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM NARENDRA MODI) ने सी-प्लेन दिखाकर गुजरात को विकास का सपना दिखाया लेकिन हम बताते दें ​कि यह कोई नया और चमत्कारी नहीं है बल्कि MP के GWALIOR में स्थित महाराज सिंधिया के त्रिधारा बांध जिसे अब तिघरा डेम कहते हैं में तो आज से 70 साल पहले सी-प्लेन उतरा करते थे। यहां पर सबसे पहले द्वितीय विश्व​युद्ध के समय सी-प्लेन दिखाई दिया जो बांध के पानी पर उतरा। इसके बाद तो यह सिलसिला काफी समय तक चलता रहा। 

70 साल पहले एमपी के ग्वालियर शहर के तिघरा डैम में ब्रिटिश एयरफोर्स के सी-प्लेन उतरते थे। यह डैम सिंधिया राजवंश का था और आज भी इससे ग्वालियर के पानी सप्लाई होता है। ये प्लेन दूसरे वर्ल्ड वॉर के समय ग्वालियर में फ्यूल लेने के लिए आते थे। बाद में इन्हीं प्लेन से प्रेरणा लेकर जीवाजीराव सिंधिया ने खुद की एविएशन कंपनी तक बना ली।

ग्वालियर में सांक नदी पर तिघरा डैम बना है। करीब 100 साल पुराने इस डैम का निर्माण सिंधिया राजवंश ने कराया था। जब दूसरा विश्व युद्ध हुआ तो ब्रिटिश एयरफोर्स के प्लेन ग्वालियर आने लगे। इसमें से कुछ प्लेन सी-प्लेन थे, जो पानी में उतर सकते थे। ऐसे कुछ प्लेन तिघरा डैम पर ब्रिटिश एयरफोर्स लेकर आती थी। यहां से ये प्लेन फ्यूल रिफिलिंग करते थे और फिर युद्ध के मैदान में पहुंच जाते थे। तिघरा में जहां पहले ब्रिटिश एयरफोर्स ने अपना अड्डा बनाया, वहां पर अब एमपी पुलिस का सिपाहियों को ट्रेनिंग देने वाला सेंटर हैं।

सिंधिया ने जलाशय के पास बनाया गेस्टहाउस
ब्रिटिश सैन्य अफसरों को यह झील प्लेन उतारने के लिए ठीक लगी और उनके एयरक्राफ्ट ने इस जलाशय से कई उड़ानें भरीं। उस समय ग्वालियर स्टेट के महाराज जीवाजीराव सिंधिया को यह प्लेन बहुत पसंद आया। उन्होंने तिघरा जलाशय के पास एक गेस्ट हाउस बना दिया, जिसमें ब्रिटिश अफसर आते थे। आज भी ऐसे कई फोटोज हैं, जिसमें सी-प्लेन तिघरा में उतरता हुआ नजर आता है। इसका उल्लेख ब्रिटिश सरकार के एम्पीरियल वार म्यूजियम में हैं। इस म्यूजियम में फोटा का विवरण इस प्रकार लिखा है। (British Overseas Airways corporetion and Qantas , 1940- 45 Sort S- 23 C class Empire Flying Boat, G-ADUV Corsair Moored on the Lake of Gwalior India)

जीवाजीराव ने बनाई एविएशन कंपनी
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद महाराज सिंधिया ने अंग्रेजों से तीन-चार एयरक्राफ्ट को लेकर एक एविएशन कंपनी भी बनाई, लेकिन वह ज्यादा नहीं चली। लिहाजा जीवाजीराव सिंधिया ने ये विमान बेच दिए।

1960 में बना पुलिस स्कूल
देश के आजाद होने के बाद गेस्ट हाउस वीरान पड़ा रहा। बाद में मध्य प्रदेश के आईजी रहे केएफ रुस्तमजी ने पुलिस के सिपाहियों को ट्रेनिंग देने वाला एक स्कूल बना दिया। अब इस स्कूल में 1000 से ज्यादा सिपाही ट्रेनिंग लेते हैं।

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