ग्वालियर। प्रदेश के महाविद्यालयों में पढ़ाई करने वाले ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) के छात्रों को राज्य शासन ने बीच सत्र में करारा झटका दिया है। अचानक ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति राशि घटा दी गई है। शासन के इस फैसले से यूजी व पीजी डिग्री करने के लिए छात्रों पर फीस का बोझ बढ़ गया है। सरकारी कॉलेज को फीस एडजस्ट कर लेंगे, लेकिन निजी कॉलेजों ने जितनी फीस में उन्हें प्रवेश दिया था, छात्रों को वह पूरी फीस भरना होगी।
जानकारी के मुताबिक मप्र शासन ने प्रोफेसनल कोर्स कर रहे ओबीसी वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति कम कर दी है। पीजीडीसीए की पढ़ाई करने के लिए अभी तक 18000 रूपए छात्रवृत्ति दी जा रही थी। जिसे अब घटाकर 10000 रूपए कर दिया है। वहीं बीबीए और बीसीए की छात्रवृत्ति भी घटाकर 4000 रूपए कर दी गई है। पहले इन कोर्सों के लिए दस हजार से अधिक राशि दी जाती थी। खास बात यह है कि शासन ने बीच सत्र में ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति घटाकर छात्रों के लिए परेशानी बढ़ा दी है।
उक्त कोर्सों की डिग्री करने के लिए सत्र 2017-18 में ओबीसी के छात्रों ने जुलाई में जब एडमीशन लिया था,तब शासन की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं निकाला गया,जिसमें छात्रवृत्ति कम करने का जिक्र किया गया हो। इसीलिए छात्र-छात्राओं ने पसंद की निजी कॉलेजों के प्रोफेसन कोर्सों में दाखिला ले लिया। अब जब छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है,तो राशि कम कर दी गई है। इससे छात्रों की टेंशन बढ़ गई है। क्योंकि कॉलेज संचालक उनसे प्रवेश के समय जो फीस बताई थी,वह पूरी मांग रहे हैं। अभी तक छात्रवृत्ति राशि से पूरी फीस हो जाती थी। अपनी डिग्री पूरी करना है तो अब ऊपर की फीस संबंधित छात्रों को अपनी जेब से भरना होगा।