भोपाल। इस फोटो के बाद कुछ लिखने या कहने की जरूरत ही नहीं। यदि इसके बाद भी कोई बचाव में कुतर्क करे या दलील दे तो उससे बड़ा निकृष्ठ दुनिया में हो ही नहीं सकता। यह तस्वीर है मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले की। तस्वीर में दिख रही दीवार मप्र शासन के स्वास्थ्य केंद्र की है जिसमें ताला लगा हुआ था। प्रसूता ने दीवार के सहारे ही नवजात शिशु को जन्म दिया। वो 1 घंटे तक धूल, गंदगी और ठंडी जमीन पर पड़ा रहा। चौंकाने वाली बात यह है कि बीएमओ को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने 108 फोन लगाकर महिला व नवजात को ईसागढ़ भेजने की सलाह दी और कलेक्टर बीएस जामोद को तो इसकी जानकारी ही नहीं थी। मीडिया ने सवाल पूछा तो औपचारिक बयान दिया कि 'आपने जानकारी दी है, जांच करा लेते हैं।'
सूत्रों ने बताया कि कदवाया निवासी आदिवासी महिला विद्या बाई (28) शुक्रवार दोपहर प्रसव पीड़ा होने पर अपनी ननद पान बाई के साथ स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी लेकिन, केंद्र पर ताला लगा हुआ था। महिला आधा घंटे तक ताला खुलने का इंतजार करती रही, लेकिन कोई वहां नहीं पहुंचा। अचानक महिला को तेज दर्द होने लगा, उसने अपने साथ आई महिला रिश्तेदार की मदद से स्वास्थ्य केंद्र के पीछे खुले मैदान में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
प्रसव पीड़िता की हालत काफी खराब हो रही थी। इस दौरान लगभग एक घंटे तक बच्चा धूल-मिट्टी और ठंड में जमीन पर ही पड़ा रहा। महिला रिश्तेदार ने बताया कि प्रसव के करीब एक घंटे बाद एएनएम सीमा माहौर वहां पहुंची। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र का दरवाजा खोला और मां एवं बच्चे को अंदर ले गई। स्थानीय निवासियों ने खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.बीएस जम्होरिया को फोन लगाकर मामले की जानकारी दी, तो उन्होंने प्रसूता को 108 एंबुलेंस के माध्यम से ईसागढ़ भेज देने को कहा और फोन कट कर दिया।