नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 176 आईएएस और आईपीएस (IAS-IPS) अधिकारियों को काम में ढिलाई बरतने पर जनहित में रिटायरमेंट का लेटर थमा दिया है। इसके साथ ही बड़े अधिकारियों को सरकार ने सख्त संदेश दिया है कि अगर काम के दौरान वो लापरवाही करेंगे तो फिर उन पर किसी तरह का कोई रहम नहीं किया जाएगा। बता दें कि इस संदर्भ में कई चेतावनियां पूर्व में भी जारी की जा चुकीं थीं। बार बार यह चेतावनी भी दी जा रही थी कि लापरवाह नौकरशाहों को जबरन रिटायरमेंट थमा दिया जाएगा। इसके बाद भी जब सुधार नहीं हुआ तो यह कार्रर्वा की गई।
लोकसभा में दी जानकारी
केंद्र सरकार की तरफ से कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में देते हुए कहा कि वित्तीय नियम-56 (जे) के प्रावधानों और इसी तरह के दूसरे प्रावधानों के तहत समूह ए के 53 और समूह बी के 123 अधिकारियों के मामले में एक जुलाई, 2014 से 31 अक्तूबर, 2017 के बीच नियमों को अपनाया गया है।
11 हजार कर्मचारियों की समीक्षा
कार्मिक मंत्रालय ने पहले कहा था कि समूह ए के 11,828 अधिकारियों के रिकॉर्ड की समीक्षा की गई है। इनमें आईएएस, आईपीएस और भारतीय वन सेवा जैसी अखिल भारतीय सेवाओं के 2953 अधिकारी हैं। इसके अलावा समूह बी के 19,714 अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा की गई।