आगे मगरमच्छ बैठे हैं, वहां तुम्हारा जोर नहीं चलता: फर्जी डॉक्टर ने कहा | MP NEWS

ग्वालियर। सीएमएचओ के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम जब अनाधिकृत डॉक्टरों / FAKE DOCTORS पर कार्रवाई करने पहुंची तो घासमंडी में एक अनाधिकृत डॉक्टर महिला को इंजेक्शन लगाते मिला। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब पूछताछ की तो बोला-मैं तो छोटी मछली हूं, आगे मगरमच्छ बैठे हैं, लेकिन वहां तो तुम्हारा जोर चलता नहीं है। अनाधिकृत डॉक्टर / FRAUD DOCTOR से जब डिग्री मांगी तो पता चला कि वह हाई स्कूल पास है। डॉक्टर का कहना था कि उसके पास आयुर्वेद का डिप्लोमा / AYURVEDA DIPLOMA है, जांच की तो पता चला कि डिप्लोमा अमान्य है। विभागीय अधिकारियों ने पंचनामा बनाकर क्लीनिक को सील कर दिया।

सीएमएचओ डॉ एसएस जादौन एवं सिविल अस्पताल प्रभारी डॉ प्रशांत नायक शनिवार को पुलिस के साथ घासमंडी कार्रवाई करने पहुंचे थे। वाहन जाम में फंसा तो पुलिस वाहन के ड्रायवर ने हूटर बजाना शुरू कर दिया, जिसे सुनकर अनाधिकृत डॉक्टर महेश शर्मा क्लीनिक बंद करके भाग गया। इसके बाद सीएमएचओ डॉ अशोक सरीन के क्लीनिक पर जांच करने लगे, जबकि डॉ प्रशांत नायक एक ऐसे क्लीनिक पर पहुंचे जिस पर कोई बोर्ड नहीं लगा था।

अंदर देखा तो एक 55 वर्षीय व्यक्ति गले में स्टेथेस्कोप डालकर बैठा था और महिला को इंजेक्शन लगा रहा था। अनाधिकृत डॉक्टर भगवती प्रसाद ने टीम के समक्ष इलाहबाद से आयुर्वेद का डिप्लोमा पेश किया, जबकि इसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। डॉक्टर ने पूछताछ में बताया कि वह हाई स्कूल पास है। अनाधिकृत डॉक्टर पहले तो माफी मांगता रहा, लेकिन जब टीम क्लीनिक सील करने लगी तो अकड़ने लगा। हालांकि टीम ने पंचनामा बनाकर क्लीनिक सील कर दिया।

सबके रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, तुम्हे ही दिक्कत है
टीम जब डॉ अशोक सरीन के क्लीनिक पर पहुंची तो वहां डॉक्टर मौजूद नहीं था। क्लीनिक पर जगमोहन नाम का व्यक्ति बैठा था। उसने बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है, लेकिन अभी तक हुआ नहीं है। उसने कहा कि कई बार कार्यालय भी जा चुका हूं, लेकिन दिक्कत आ रही है। इस पर सीएमएचओ डॉ जादौन ने कहा कि सभी के रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, तुम्हे ही क्यों परेशानी आ रही है। एमबीबीएस डॉक्टर का क्लीनिक होने के कारण कार्रवाई नहीं की गई। इसके समीप ही डॉ धनंजय गोस्वामी के गोस्वामी क्लीनिक पर भी टीम पहुंची। डॉक्टर ने होम्योपैथी की डिग्री पेश की, यहां पर सभी दवाए होम्योपैथी की होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई।

एमआर दे जाते हैं दवाएं, अंदर ड्रिप इंजेक्शन का ढेर
स्वास्थ्य विभाग की टीम जब चंदन नगर में भगवती क्लीनिक पहुंची तो यहां अनाधिकृत डॉक्टर सुनील शर्मा मौजूद मिले। डॉक्टर के द्वारा राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा परिषद बिहार का एक डिप्लोमा सर्टिफिकेट पेश किया गया। उसके पास मप्र आयुर्वेदिक काउंसिल की कोई डिग्री नहीं थी। डॉक्टर से जब एलोपैथी दवाएं रखी होने का सवाल किया तो बोला कि एमआर दे जाते हैं, हम तो आयुर्वेद दवाओं से उपचार करते हैं। टीम ने अंदर जाकर देखा तो डस्टबीन में खाली ड्रिप एवं इंजेक्शन का ढेर लगा था। टीम ने यहां भी पंचनामा बनाकर क्लीनिक सील करने की कार्रवाई की है। डॉक्टर ने बताया कि वह बीए पास है।

सूचना मिलते ही बंद हो गए क्लीनिक
स्वास्थ्य विभाग की टीम जैसे ही एक क्लीनिक पर पहुंची तो पूरे घासमंडी में इस कार्रवाई की जानकारी फैल गई। इसके बाद देखते ही देखते तमाम क्लीनिक बंद होते चले गए। टीम को केवल चार ही क्लीनिक खुले मिले। डॉ महेश शर्मा के बंद क्लीनिक को सील करने का साहस स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं जुटा सकी।

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