विदिशा। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में सरकारी परिवहन बंद हुआ था। सीएम शिवराज सिंह के कार्यकाल में सरकारी अस्पताल / GOVERNMENT HOSPITAL बंद होने की कगार पर आ गए हैं। 37843 करोड़ रु. खर्च होने के बाद भी अस्पतालों का ढर्रा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। डॉक्टरों / DOCTORS की मनमानी और सरकार की बेचारगी लगातार जारी है। अब तो मंत्री भी खुलेआम 'बेचारी सरकार' का बयान दे देते हैं। फिलहाल मामला विदिशा जिले के पगरानी गांव से आ रहा है। यहां शिवशंकर शर्मा की पत्नी नीता (32) की मौत करंट लगने से हो गई थी।
अस्पताल ने पोस्टमार्टम के बाद शव बिना टांके लगाए परिजनों को सौंप दिया। अंतिम यात्रा से पहले उन्हें इसका पता चला। परिजनों ने हंगामा किया तो अस्पताल से एक स्वीपर उनके घर भेजा गया। उसने किचन में बैठकर शव पर टांके लगाए। इसके बाद शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
दूसरी घटना मंदसौर की है। यहां के ढाबला माधोसिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला होने के कारण महिला की सड़क पर डिलीवरी करानी पड़ी। इसके एक दिन पहले ही टीकमगढ़ से भी एक ऐसी ही खबर आई थी। वहां भी स्वास्थ्य केंद्र पर ताला होने के कारण प्रसूता ने केंद्र की दीवार के सहारे ही नवजात शिशु को जन्म दिया। शिशु मिट्टी और गंदगी में एक घंटे तक पड़ा रहा।