भोपाल। मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी आॅनलाइन परीक्षा का आयोजन था और प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के डायरेक्टर सीएम ठाकुर अलर्ट नहीं थे। वो अपनी तरफ से यह पता लगाने की कोशिश ही नहीं कर रहे थे कि परीक्षाएं सही समय से शुरू हुईं या नहीं, कहीं कोई परेशानी तो नहीं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि जब उन्हे बताया गया कि सर्वर ठप हो गया है तो उन्होंने परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से साफ इंकार कर दिया। उन्हे पता ही नहीं था कि केंद्रों पर क्या कांड हो गया है।
फिर फोन रिसीव करना बंद कर दिया
परीक्षा केंद्रों ने जब डायरेक्टर सीएम ठाकुर को तकनीकी दिक्कतें बतानी शुरू की तो उन्होंने पहले तो समस्या दुरुस्त करने की बात कही और फिर बाद में फाेन रिसीव करना बंद कर दिया। इतने बड़े मामले में इस तरह की लापरवाही ने सभी को चौंका दिया। इसके बाद केंद्रों ने तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी से संपर्क साधा। राज्यमंत्री ने केंद्रों और मीडिया से बात की और मामले को संभालने की कोशिश की। यदि राज्यमंत्री भी फोन रिसीव नहीं करते तो परीक्षा केंद्रों पर हिंसक प्रदर्शन हो सकते थे।
क्या हुआ था परीक्षा के पहले दिन
प्रदेशभर के सभी 85 सेंटरों पर अभ्यर्थियों का आधार से वेरिफिकेशन करने में दिक्कत हुई। इस वजह से पहली शिफ्ट में हजारों उम्मीदवार परीक्षा नहीं दे पाए। अकेले भोपाल में ही 9052 में से 4107 लोग परीक्षा से वंचित रह गए। नाराज अभ्यर्थियों ने केंद्रों पर जमकर हंगामा किया। भोपाल के रायसेन रोड स्थित एक सेंटर पर कांच तोड़ दिया। हंगामे के बीच पहली शिफ्ट की परीक्षा सुबह 9 बजे के बजाय साढ़े तीन घंटे देरी से दोपहर 12:30 पर शुरू हो सकी।