जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसले में धर्म परिवर्तन के लिए गाइडलाइन जारी की। गाइडलाइन के अनुसार अब नाबालिग बालक-बालिकाओं का किसी भी सूरत में धर्म परिवर्तन नहीं हो सकेगा, लेकिन बालिग युवक-युवती धर्म परिवर्तन कर सकेंगे। हालांकि जो धर्म परिवर्तन करने का इरादा रखते हैं और जिस धर्म को ग्रहण करना चाहते हैं, उनका पूरा ब्यौरा या विवरण लेकर पहले खुद को संतुष्ट करना चाहिए। धर्म परिवर्तन करने से पहले संबंधित कलेक्टर या क्षेत्र के उपखंड अधिकारी को सूचना देनी होगी। वे अधिकारी उसी दिन अपने कार्यालय के बाहर नोटिस बोर्ड पर यह सूचना चस्पा करेंगे।
सरकार का बिल आने तक गाइडलाइन
जोधपुर निवासी पायल सिंघवी ने फैज मोहम्मद से धर्म परिवर्तन कर निकाह कर लिया था। पायल के भाई चिराग सिंघवी ने याचिका दायर की थी। सुनवाई में यह सवाल सामने आया था कि बिना प्रक्रिया अपनाए धर्म परिवर्तन हो सकता है या नहीं? इसके बाद कोर्ट ने यह गाइडलाइन जारी करते हुए स्पष्ट किया कि पायल फैज बालिग हैं, इसलिए उन पर यह गाइडलाइन लागू नहीं होगी।
न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास और डॉ. वीरेंद्र कुमार माथुर की खंडपीठ की ओर से तय की गई 9 बिंदुओं की गाइडलाइन में कहा गया है कि यह गाइडलाइन राजस्थान धर्म स्वतंत्र एक्ट 2006 या राज्य सरकार द्वारा बलपूर्वक धर्म परिवर्तन रोकने के लिए नया कानून बनाने तक अस्तित्व में रहेगी।
कोर्ट ने कहा कि कोई अथॉरिटी या व्यक्ति, जो धर्म परिवर्तन करवा रहा है, उसे पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि धर्म परिवर्तन का इच्छुक व्यक्ति नए धर्म में पूरा विश्वास रख रहा है और यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वह किसी अन्य व्यक्ति के डर या भय से तो ऐसा नहीं कर रहा है।