FLIPKART पर नकली माल, असली कंपनी ने मुकदमा ठोका | BUSINESS NEWS

सागर मालवीय/मुंबई। त्यौहारी सीजन में Flipkart.com Online Shop के संदर्भ में कुछ वादाखिलाफी की शिकायतें सामने आईं थीं। अब देश की इस दिग्गज आॅनलाइन शॉपिंग साइट पर नकली सामान बेचने का मामला सामने आया है। अमेरिका के लाइफस्टाइल और फुटवेयर ब्रैंड स्केचर्स ने ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट और उसके प्लैटफॉर्म पर सामान बेचने वाले चार वेंडर्स के खिलाफ कथित तौर पर नकली सामान बेचने के लिए मुकदमा किया है। कोर्ट की तरफ से नियुक्त लोकल कमिश्नरों की मदद से स्केचर्स ने दिल्ली और अहमदाबाद में सात गोदामों पर नकली सामान पकड़ने के लिए छापे मारे। ये छापे रीटेल नेट, टेक कनेक्ट, यूनिकेम लॉजिस्टिक्स और मार्को वैगन पर मारे गए थे। 

कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में यह जानकारी दी है। उसने अब तक नकली जूतों के 15,000 जोड़े बरामद किए हैं, जिन्हें स्केचर्स ब्रैंड का बताकर बेचा जा रहा था। कंपनी इन वेंडरों के और गोदामों पर छापे मार सकती है, जिससे नकली सामान की सही संख्या का पता चले। अमेरिकी कंपनी ने अपनी याचिका में यह बात कही है। इसका खुलासा इकनॉमिक टाइम्स ने किया है। इस बारे में पूछने पर स्केचर्स के प्रवक्ता ने मामला अदालत में होने की बात कहकर कॉमेंट करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि कंपनी ब्रैंड, कॉपीराइट और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को बचाने के लिए सही कदम उठाएगी। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, 'फ्लिपकार्ट ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जो सेलर्स को देश भर में ग्राहकों से जोड़ती है। हम इंटरमीडियरी के तौर पर काम करते हैं। हम अपना बिजनस ईमानदारी और कानून के मुताबिक करते हैं। हम इस मामले पर कुछ कॉमेंट नहीं कर सकते क्योंकि यह अदालत में है।' 

देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी 'फ्लिपकार्ट अश्योर्ड' मॉडल के जरिए अपने प्लैटफॉर्म पर बिकने वाले सामान के असली-नकली होने का पता लगाती है। उसके प्लैटफॉर्म पर एक लाख से अधिक सेलर्स रजिस्टर्ड हैं। उसने नकली सामान बेचने पर कई सेलर्स को ब्लैकलिस्ट भी कर रखा है। हालांकि, ऐसा लगता है कि यह समस्या खत्म नहीं हो रही है। इस बारे में रीटेल कंसल्टेंसी फर्म एलारगिर सलूशंस की डायरेक्टर रुचि सैली ने बताया, 'फ्लिपकार्ट सहित सभी रीटेल कंपनियों को सेलर्स के लिए रूल्स सख्त बनाने की जरूरत है ताकि ऐसे मसले सामने न आएं। विकसित देशों में सेलर्स पर कड़ा नियंत्रण रखा जाता है।' 

देश में नकली सामान बेचना अवैध है, लेकिन ज्यादातर मार्केटप्लेस यह कहकर बच निकलते हैं कि ऐसे सामान की बिक्री वे नहीं कर रहे हैं। उनकी दलील होती है कि हम तो ऑनलाइन मॉल की तरह हैं, जो सामान की बिक्री में मदद करते हैं। पिछले कुछ साल में ब्रैंड और कन्ज्यूमर्स की तरफ से नकली माल की शिकायतें बढ़ी हैं और अदालतों में ऐसे मुकदमे भी बढ़े हैं। टॉमी हिलफिगर, कैलविन क्लायन, लिवाइस और सुपरड्राई ने पिछले तीन साल में कोर्ट की मदद से गोदामों पर छापे मारकर बड़ी संख्या में नकली सामान बरामद किए हैं। ये सामान सेलर्स या छोटे फैशन पोर्टल्स के पास से पकड़े गए थे। 

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