हर शिकायत पर FIR होती है इसलिए आंकड़ा ज्यादा: DGP @बलात्कार | MP NEWS

भोपाल। भोपाल गैंगरेप मामले में पीड़िता की एफआईआर दर्ज ना करने के कारण 6 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया। प्रदेश के कई ​इलाकों से शिकायतें आ रहीं हैं कि पुलिस बलात्कार के मामले दर्ज नहीं करती। विधानसभा में हंगामा हो रहा है। अखबार रंगे पड़े हैं और मप्र के डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला का कहना है कि पुलिस हर केस दर्ज कर लेती है इसलिए क्राइम रिकॉर्ड में मप्र में सबसे ज्यादा बलात्कार के केस दिखाई दे रहे हैं। 
2014 की तुलना में घटे हैं बलात्कार
पत्रकार मनोज राठौर से बात करते हुए डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश में हम तत्परता से ऐसे मामले दर्ज करते हैं, इसलिये प्रदेश में बलात्कार की घटनाओं की संख्या अधिक होती है। उन्होंने कहा कि एनसीबीआर के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में वर्ष 2014 की तुलना में 28,756 से कम होकर वर्ष 2016 में 26,604 हुई है।  उन्होंने बताया, वर्ष 2016 में हमने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 90 प्रतिशत आरोपियों के अभियोग पत्र अदालतों में पेश कर दिये हैं और इनमें से 3882 आरोपियों को सजा भी हो चुकी है। 

यह एक सामाजिक समस्या है: भाजपा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने इस मामले में कहा कि एनसीबीआर के आंकड़ों से यह भी जाहिर होता है कि बलात्कार के अधिकांश मामलों में आरोपी पीड़िता के पहचान वाले हैं। इसलिये यह एक सामाजिक समस्या है और इससे निपटने के लिये समाज के सभी वर्गो को आगे आकर प्रयास करने होंगे। प्रदेश सरकार इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिये वचनबद्ध है।

उन्होंने बताया, महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथान के लिये प्रदेश सरकार विधानसभा के चालू सत्र में 12 साल की उम्र तक की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा देने के लिये कानून में बदलाव करने जा रही है. इससे जाहिर होता है कि बलात्कार की घटनाओं के प्रति प्रदेश सरकार अति गंभीर है.

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