भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार भरणपोषण अधिनियम 2007 में प्रावधान करने जा रही है कि यदि कोई शासकीय सेवक अपने बूढे मां बाप की उचित देखभाल का जिम्मा नही उठाता है तो ऐसे सरकारी अधिकारी कर्मचारी की तनखाह में कटोती कर देखभाल हेतु पैसा अभिभावकों के खाते में जमा कर दिया जायेगा। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री लक्ष्मी नारायण शर्मा ने प्रदेश सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
लक्ष्मीनारायण शर्मा ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि यह निश्चित ही एक अच्छा कदम है जो शासकीय सेवकों को अपने मातापित की उचित देखभाल के प्रति अधिक जबाब देह बनाएगा। संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने कहा कि अगस्त 17 में असम सरकार ने ऐसा प्रावधान किया था जिसके आधार पर मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने भी मुख्य मंत्री को ज्ञापन सौंप कर मध्यप्रदेश में ऐसा प्रावधान लागू करने की मांग की थी।
फैक्ट फाइल: माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम 2007
माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण उचित तरीके से हो इसके लिये माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम 2007 मध्यप्रदेश में 23 अगस्त 2008 से लागू किया गया है। इस अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु नियम भी बनाये गये है जिसकी अधिसूचना 2 जुलाई 2009 को लागू की गई है।
नियमों में प्रावधान-
माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण उचित तरीके से न करने पर 5000 रूपये जुर्माना या तीन माह की सजा का प्रावधान है।
10000 रूपये प्रतिमाह मासिक भरण पोषण हेतु उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है।
अधिनियम के तहत कार्यवाही
इस अधिनियम के तहत प्रदेश में अभी तक कुल 46 प्रकरण दर्ज हुए है।