भरतपुर। राजस्थान सरकार के चिकित्सा, स्वस्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अपने विभाग में कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों के गिनती के आदेश दिए हैं। संयुक्त निदेशक डॉ बी एल सैनी ने विगत 30 नवंबर को सभी जिले के चिकित्सा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के पब्लिक होते ही हंगामा शुरू हो गया है। मुस्लिम कर्मचारी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि इस तरह की गिनती करके सरकार क्या करना चाहती है। उन्हे सरकारी कर्मचारी की श्रेणी से हटाकर मुस्लिम कर्मचारी की श्रेणी में क्यों लाया जा रहा है।
इसी आदेश के बाद भरतपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गोपाल राम ने बताया कि उनको निदेशालय द्वारा आदेश आये है कि आपकी जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में कितने मुस्लिम समुदाय के कर्मचारी कार्यरत है उनकी गणना करें। इसलिए उन्होंने जिले के सभी उप मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी कर मुस्लिम कर्मचारियों की गणना शुरू कर दी है जो लगभग दो दिन में पूरी हो जाएगी।
इस तरह होगी गिनती
सभी स्वस्थ्य केंद्र, अस्पतालों में मुस्लिम कर्मचारियों की गणना की जा रही है चाहे वह चिकित्सा हो या नर्सिंग पद या अन्य पदों पर तैनात हो सभी की गणना कर इसकी डिटेल विभाग को भेजी जाएगी। भेजे गए प्रपत्र क मुताबिक कर्मचारी का नाम, श्रेणी और संबंधित स्वास्थ्य केंद्र का नाम लिखना होगा।
कर्मचारियों में बना है अलग माहौल
इसको लेकर कुछ मुस्लिम कर्मचारियों का कहना है कि इस तरह की गिनती पहले कभी नहीं हुई। उससे कर्मचारियों में एक अलग सा माहौल बना हुआ है। इस गिनती से क्या फायदा या नुकसान होगा इसका उल्लेख भी नहीं किया गया है।