राजीव कुमार/नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापन करने वाली सेलिब्रिटी को उनके विज्ञापन करने पर पाबंंदी लगाई जा सकती है। कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल में यह प्रावधान किया जा रहा है। बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अगले सप्ताह इसे संसद में पेश किया जा सकता है। प्रारंभ में बिल में भ्रामक विज्ञापन करने वालों को सजा जुर्माने का प्रावधान था। पहली बार गलती करने पर 2 साल की सजा 10 लाख रुपए का जुर्माना था। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 5 साल की जेल 50 लाख जुर्माने का प्रावधान रखा था।
बाद में विचार किया गया कि सजा जुर्माने के प्रावधान से मामला अदालत तक पहुंच सकता है। सेलिब्रेटी के लिए जुर्माना देना बड़ी बात नहीं है, क्योंकि विज्ञापन करने पर उन्हें करोड़ों मिलते हैं। कुछ दिनों के लिए विज्ञापन करने पर पाबंदी लगाने से बाजार में छवि खराब होगी। सूत्रों के मुताबिक यह पाबंदी कुछ दिनों या महीनों के लिए लगाई जा सकती है। इस नियम के आने से किसी भी प्रोडक्ट का विज्ञापन करने या ब्रांड एंबेसडर बनने से पहले सेलिब्रिटी विज्ञापनकर्ता एजेंसियों से उस वस्तु का सत्यापन कराएंगे।
बिना सत्यापित वस्तुओं का विज्ञापन मुश्किल हो जाएगा। अभी सेलिब्रिटी खाद्य वस्तुओं को स्वास्थ्यवर्द्धक बताते हैं, लेकिन जांच में पाया जाता है कि उस वस्तु में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक चीजें मिली हैं। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने कहा, किसी उत्पाद पर सेलिब्रिटी की मुहर लगने से समाज उसे स्वीकार कर लेता है। ऐसे में सेलिब्रिटी का भी यह धर्म बनता है कि वह समाज को ऐसे उत्पाद अपनाने के लिए प्रेरित नहीं करे जो उनके लिए नुकसानदायक है।