वाराणसी/उत्तरप्रदेश। बनारस / काशी हिंदू विश्वविद्यालय / Banaras Hindu University में पिछले 48 घंटे में काफी कुछ हुआ। शनिवार को छात्रों ने सिंहद्वार बंद करके विरोध प्रदर्शन (PROTEST) किया तो 2 पेपर्स राजनैतिक घोटाला के आरोप के साथ सुर्खियों में आए। इस EXAM में कुछ अजीब था। यदि आप भारतीय जनता पार्टी / BHARTIYA JANTA PARTY पर निबंध लिखते हैं तो आपको 10 नंबर मिलेंगे परंतु यदि आप आम आदमी पार्टी / AAM ADMI PARTY पर विचार रखते हैं तो मात्र 2 नंबर मिलेंगे। इसी तरह इस्लाम / ISLAM में हलाला की परंपरा के बारे में विस्तार से तथ्यपूर्ण जानकारी देने पर मात्र 2 नंबर मिलेंगे लेकिन यदि आप तीन तलाक और हलाला की बुराई करेंगे तो 10 नंबर दिए जाएंगे। कुल मिलकर यह एक वैचारिक घोटाला है। विचारधारा विशेष को छात्रों के दिमाग में फिक्स करने की साजिश। नंबर के लालच में छात्र उसी सवाल का अध्ययन करेगा। अध्ययन करेगा तो याद हो जाएगा और समर्थन भी करेगा। एक विचारधारा विशेष को समर्थन करने वाले जवाब लिखो तो ज्यादा नंबर मिलेंगे।
बीजेपी पर निबंध 10 नंबर, आप का सवाल मात्र 2 नंबर का
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पॉलिटिकल साइंस के पेपर में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बारे में पूछे गए सवाल को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ दिन पहले ही जीएसटी को प्रकांड अर्थशास्त्री कौटिल्य से जोड़कर पूछे गए प्रश्न से छात्र चकरा गए थे। राजनीति शास्त्र विभाग के एमए-प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में 'भारतीय राजनीतिक प्रणाली: सैद्धांतिक और संरचनात्मक पहलू' विषय के पेपर में छात्रों से बीजेपी पर निबंध लिखने को कहा गया। यह सवाल 15 नंबर का था। इसी तरह दिल्ली में शासन कर रही आम आदमी पार्टी के बारे में छात्रों को लिखने को कहा गया, लेकिन इस पर महज दो अंक थे। इन प्रश्नों के जरिए समकालीन राजनीति पर छात्रों के ज्ञान का परीक्षण किया गया। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के मुताबिक सवाल बहुत आसान रहे, पर सीधे के बजाए यह विश्लेषणात्मक होना चाहिए था। ये प्रश्न इन दिनों बीएचयू कैंपस में चर्चा का विषय हैं।
हलाला का विवरण 2 नंबर, तीन तलाक और हलाला की बुराई करो तो 10 नंबर
बीएचयू की एमए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के इतिहास के पेपर में ‘तीन तलाक’, ‘हलाला’ और ‘अलाउद्दीन खिलजी’ को लेकर पूछे गए सवाल विरोध और बहस का हिस्सा बन गए हैं। परीक्षा में इन सवालों के पूछे जाने के बाद कुछ छात्र काफी नाराज हैं। नाराज छात्रों ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह के प्रश्नों के जरिए उन पर विचारधारा थोप रहा है। उधर, इतिहास विभाग के प्रोफेसरों का कहना है कि इतिहास से जुड़े समसामयिक प्रसंगों के बारे में नई पीढ़ी को जानना चाहिए। इस पर विवाद खड़ा करने जैसी कोई वजह नहीं है। परीक्षक ने इसी उद्देश्य से प्रश्नपत्र में इस तरह के सवालों को चुना होगा।
एमए के प्रश्नपत्र ‘स्टेट फॉर्मेशन इन मिडवल इंडिया’ में खंड -(अ) का दूसरा सवाल -इस्लाम में हलाला क्या है? पूछा गया है। इसी प्रश्नपत्र में खंड -(ब) में 8वां सवाल -इस्लाम में तीन तलाक एवं हलाला एक सामाजिक बुराई है? इसकी व्याख्या कीजिए। पहला सवाल दो नंबर का और दूसरा 10 नंबर का है। परीक्षा खत्म होने के बाद छात्रों में जहां इन सवालों को लेकर चर्चा हो रही है, वहीं सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। कुछ छात्र नाराजगी जता रहे हैं कि किसी एक विचारधारा को विश्वविद्यालय में थोपने की यह साजिश हो सकती है। इसे रोका जाना चाहिए।