राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित सरकार पर दाग, 6 साल में 42 लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ा: CAG रिपोर्ट

भोपाल। स्कूल चलें अभियान के लिए भारत के राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित हो चुकी शिवराज सिंह चौहान सरकार पर बड़ा दाग लगा है। सरकार हर साल स्कूल चलें अभियान चलाती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फोटो वाले विज्ञापनों पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं लेकिन बच्चे स्कूल नहीं जाते बल्कि स्कूल छोड़ जाते हैं। पिछले 6 साल से यह लगातार हो रहा है। खुलासा हुआ है कि राज्य में पिछले छह साल में 42 लाख से ज्यादा बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया। इसमें सरकारी स्कूल छोड़ने वालों की संख्या 28 लाख है। याद दिला दें कि सरकारों की जिम्मेदारी होती है कि वो हर बच्चे को न्यूनतम शिक्षा उपलब्ध कराए। 

राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने विधानसभा पिछले वित्तीय वर्ष नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीआई) पर भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में पिछले छह साल में 42.86 लाख बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ा है। इसमें सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने के बाद पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों का आंकड़ा 28 लाख से ज्यादा है। 14.86 लाख बच्चों ने निजी स्कूल में एडमिशन लेने के बाद पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। 

राज्य में वर्ष 2015-16 में 7.44 लाख बच्चों ने छोड़ा स्कूल
राज्य में वर्ष 2014-15 में 11.74 लाख बच्चों ने छोड़ा स्कूल
राज्य में वर्ष 2014-13 में 8.67 लाख बच्चों ने छोड़ा स्कूल
राज्य में वर्ष 2013-12 में 7.88 लाख बच्चों ने छोड़ा स्कूल
राज्य में वर्ष 2012-2011 में 7.13 लाख बच्चों ने छोड़ा स्कूल

बच्चों के स्कूल छोड़ने के मामले में मध्य प्रदेश का देश में चौथा स्थान है। इस सूची में उत्तरप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र टॉप के तीन राज्य है। हैरान करने वाली बात ये है कि राज्य में पिछले छह वर्षों में प्रारंभिक शिक्षा में 48 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए है। बावजूद इसके बच्चों के स्कूल छोड़ने की संख्या लाखों में हैं।

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