गार्ड ने सांसद कमलनाथ पर 2 बार बंदूक तानी | Kamal Nath was on target of gun

छिंदवाड़ा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कमलनाथ पर उन्ही की सुरक्षा के तैनात एक गार्ड रत्नेश पवार ने 2 बार बंदूक तानी। एक बार उसने हवाई पट्टी पर पैदल चलते हुए कमलनाथ को निशाना बनाया और दूसरी बार सीढ़ियां चढ़ते समय। इससे पहले कि कोई अ​प्रिय घटना हो पाती, गार्ड को हिरासत में ले लिया। गार्ड कमलनाथ से मात्र 10 फीट की दूरी पर था। बता दें कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उन्ही के गार्ड ने की थी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी एक गार्ड ने बंदूक से हमला किया था। कमलनाथ खुद को इंदिरा गांधी की तीसरी संतान बताते हैं। 

जेड कैटेगरी सिक्युरिटी मिली है कमलनाथ को
कमलनाथ को जेड कैटेगरी की सिक्युरिटी मिली हुई है। जिसमें सीआरपीएफ के गनमैन तैनात रहते हैं। शुक्रवार को छिंदवाड़ा जिले में 4 जगह पर कमलनाथ की सभाएं थीं। उमरेठ में जनसभा के बाद कमलनाथ हेलिकॉप्टर से छिंदवाड़ा हवाईपट्टी पहुंचे थे। जबकि, उनके सिक्युरिटी गार्ड कार में सवार थे।

गार्ड ने पोजीशन ले ली थी
मौके पर मौजूद रहे चश्मदीद जय मोहरे के मुताबिक, "साहब (कमलनाथ) प्लेन की सीढिय़ां चढ़ रहे थे और पीछे पलटकर उन्होंने अपना हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। मैं जैसे ही पलटा तो मैंने देखा कि काॅन्स्टेबल रत्नेश पवार की गन सीढ़ियों की तरफ थी। इसके बाद आसपास खड़े पुलिसकर्मी उसे बाहर लेकर गए। इसके बाद हमने पुलिस को इसकी शिकायत की। काॅन्स्टेबल को देखकर लग रहा था कि उसने प्लेन की ओर गन लेकर पोजिशन ली है।

इससे पहले भी निशाना बनाया
वहीं दूसरे चश्मदीद सुरेश कपाले के मुताबिक, "कमलनाथ जैसे ही दूसरे गेट से हवाईपट्टी तक पहुंचे। उस दौरान ऐसा लगा था कि काॅन्स्टेबल ने उनकी ओर गन तानी, लेकिन हमने इसे अनदेखा कर दिया। इसके बाद दोबारा प्लेन के गेट के पास भी ऐसा ही कुछ किया। इसकी शिकायत मैंने मौके पर मौजूद कुंडीपुरा टीआई रत्नेश मिश्रा से की। जहां उन्होंने काॅन्स्टेबल को फटकार लगाई। इस दौरान काॅन्स्टेबल कह रहा था कि उसके कंधे से बंदूक फिसल गई थी।

जवान ने बंदूक तानने की बात नकारी
डीआईजी छिंदवाड़ा रेंज के मुताबिक, काॅन्स्टेबल रत्नेश पवार को सस्पेंड कर दिया है। पूछताछ में वह बंदूक तानने की बात को नकार रहा है। जांच के बाद गार्ड इन्चार्ज पर भी कार्रवाई होगी। गार्ड इंचार्ज ही तय करता है कि किस सिपाही को कहां खड़ा होना है। इन्चार्ज एसपी नीरज सोनी इसकी जांच कर रहे हैं। काॅस्टेबल रत्नेश पवार को पहले भी दो बार सस्पेंड किया जा चुका है। हालांकि, इस तरह की हरकत पहली बार सामने आई है। साल 2010 और 2012 में बिना किसी इन्फॉर्मेशन के ड्यूटी से गायब रहने के कारण उसे सस्पेंड किया गया था।

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