भोपाल। प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग में संपन्न् वर्ग (क्रीमीलेयर) के निर्धारण के लिए सालाना आय सीमा आठ लाख रुपए तय की है। यह सीमा अभी तक छह लाख रुपए सालाना थी। अब आठ लाख रुपए सालाना आय वाले अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति के बच्चों को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने संपन्न् वर्ग के मापदंडों में संशोधन कर दिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को सरकारी सुविधाओं का लाभ अभी तक छह लाख रुपए सालाना आय सीमा वालों को ही मिलता था। 2006 में यह सीमा दो लाख रुपए से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए की गई थी। 2009 में इसे बढ़ाकर साढ़े चार लाख रुपए कर दिया था।
2013 में इसे छह लाख रुपए सालाना कर दिया गया। केंद्र सरकार ने सितंबर 2017 में अन्य पिछड़े वर्गों के संबंध में संपन्न् वर्ग का निर्धारण करने के लिए आय सीमा को छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपए कर दिया। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने भी मापदंड को संशोधित कर दिया। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव केके कातिया ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।